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रैली रूट को बैरिकेड्स करके दिल्ली जाने वाला रास्ता खुला रखने की साजिश किसने रची? : किसान नेता टिकैत

गणतंत्र दिवस पर किसानों की ट्रैक्टर रैली के बेकाबू हो जाने साथ ही आईटीओ, लालकिला और नांगलोई समेत दिल्ली में कई जगहों पर हुई पुलिस और किसानों के बीच झड़प देखने को मिली

जिस पर किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि लाल किले पर जाने की हमारी कोई योजना नहीं थी और न ही कोई हमारी कोई झंडा फहराने की योजना थी, जिसने झंडा फहराने की कोशिश की उसपर कार्यवाई करो

टिकैत ने ये भी कहा: जिन लोगों ने लाल किले में हिंसा की और फहराए झंडे को लहराया , उन्हें अपने कामों के लिए भुगतान करना होगा। पिछले दो महीने से एक समुदाय विशेष के खिलाफ साजिश चल रही है। यह सिखों का नहीं, बल्कि किसानों का आंदोलन है

दीप सिद्धू के बारे में पूछे जाने पर किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि डीप सिद्धू सिख नहीं हैं, वे भाजपा के कार्यकर्ता हैं। पीएम के साथ उनकी एक तस्वीर है। याद रखिए यह किसानों का आंदोलन है और किसानो का ही रहेगा। कुछ लोगों को तुरंत इस जगह को छोड़ना होगा- जो लोग बैरिकेडिंग तोड़ चुके हैं वे कभी भी आंदोलन का हिस्सा नहीं होंगे

किसान नेता ने आगे कहा कि 5 बजे तक दिल्ली खाली हो चुकी थी. रात को भी हमने पुलिस को कुछ लोगों को सौंपा जिन्होंने पुलिसवालों पर ट्रैक्टर चढ़ाने की कोशिश की थी. उनके खिलाफ कार्रवाई करवाएंगे.

टिकैत ने जांच की मांग करते हुए कहा कि जो रूट पुलिस ने दिया उस पर बैरिकेड्स होंगे और दिल्ली जाने वाला रास्ता खुला होगा, ये साजिश किसने रची. दिल्ली में किसानों को किसने जाने दिया, इसकी पूरी जांच होनी चाहिए. जो रास्ता दिया गया था, जिस पर किसान जा रहे थे, उस पर पक्की बैरिकेटिंग और अपनी फोर्स भी रखोगे और वाटर केनन भी. दिल्ली वाला रास्ता खुला रखोगे, इसका गणितबाज कौन है, हमें तो उससे मिलना है. टिकैत ने ये आरोप भी लगाया कि कितने किसानों के ट्रैक्टर तोड़े गए, ये नहीं दिखाया गया. करीब 400 ट्रैक्टर-गाड़ियां तोड़ी गईं.

वायरल वीडियो को लेकर किसान नेता टिकैत ने कहा कि मैंने कहा था कि सरकार औरअधिकारियों के साथ मिलकर एक परेड लालकिले हम कर लेंगे, लेकिन अधिकारियों ने कहा कि वहां परेड नहीं हो सकती. तब मैंने रिंग रोड पर परेड करने की अनुमति मांगी तो उसे भी मना कर दिया गया. उसके बाद ये रूट फाइनल हुआ था.

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