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“जब वोटर ही नहीं बचेंगे तो सदन चलाकर क्या फायदा”: तेजस्वी यादव

जब वोटर ही नहीं बचेंगे तो सदन चलाकर क्या फायदा“: तेजस्वी यादव

बिहार में मतदाता सूची की विशेष समग्र पुनरीक्षण मुहिम (एसआईआर) को लोकतंत्र विरोधी बताते हुए विपक्षी नेताओं ने मंगलवार को विधानसभा में जारी बहस के दौरान जबरदस्त हंगामा किया। विधानमंडल के सत्र के दूसरे दिन, मंगलवार को दोपहर बाद विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने आक्रामक रुख अपनाते हुए कहा कि एसआईआर सीधे तौर पर बिहार के मतदाताओं से जुड़ा मामला है, इसलिए इस पर सदन में तत्काल चर्चा होनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि चाहे सत्ताधारी दल हो या विपक्ष, हम सभी यहां और दिल्ली की संसद तक उन्हीं वोटरों के वोट से पहुंचे हैं और उनकी आवाज़ उठाने की कोशिश करते हैं। लेकिन अब उन्हीं वोटरों को मतदाता सूची से बाहर करने की कोशिश की जा रही है। तेजस्वी यादव ने सवाल उठाया कि कुछ महीने पहले प्रधानमंत्री भी इसी वोटर लिस्ट के आधार पर चुने गए थे, तो अचानक इसमें ऐसी क्या खामियां आ गईं कि अब इसे बदलने की ज़रूरत पड़ रही है?

तेजस्वी ने कहा कि बिहार लोकतंत्र की जननी है और एसआईआर के ज़रिये लोकतंत्र को खत्म करने की साजिश की जा रही है। यह प्रक्रिया वोटर के हित में नहीं है। जब वोटर ही नहीं बचेंगे, तो सदन चलाकर क्या लाभ? उन्होंने कहा कि अगर हम इस मुद्दे पर विधानसभा में चर्चा नहीं करेंगे, तो फिर कहां करेंगे?

हालांकि, विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव ने तेजस्वी यादव के इस मांग को खारिज करते हुए कहा कि जब सदन की कार्यवाही शुरू हुई थी, तब हमने आपके सदस्यों से कहा था कि वे अपनी राय रखें, लेकिन उन्होंने तब अपना पक्ष नहीं रखा।

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