पश्चिम बंगाल: प्लास्टिक कचरा जमा कराने पर ‘अम्मा कैंटीन’ से मुफ़्त भोजन
शहर को साफ-सुथरा रखने के लिए जहाँ नगरपालिकाएँ सफाईकर्मियों की नियुक्ति करती हैं, वहीं पश्चिम बंगाल के हुगली ज़िले की भद्रेश्वर नगरपालिका ने इस उद्देश्य के लिए एक अनोखा और प्रभावी तरीका अपनाया है। नगरपालिका ने घोषणा की है कि जो नागरिक प्लास्टिक का कचरा जमा कराएँगे, उन्हें राज्य की प्रसिद्ध ‘अम्मा कैंटीन’ से मुफ़्त भोजन दिया जाएगा।
‘ईटीवी भारत’ की एक रिपोर्ट के अनुसार भद्रेश्वर के विभिन्न क्षेत्रों, विशेषकर झुग्गी बस्तियों और जूट मिल कॉलोनियों में प्लास्टिक के बढ़ते उपयोग और अत्यधिक कचरे के कारण शहर के पर्यावरण और ड्रेनेज व्यवस्था पर खतरा बढ़ता जा रहा था। इस स्थिति को देखते हुए नगरपालिका ने सामाजिक मीडिया और सार्वजनिक स्थानों पर लगाए गए बैनरों के माध्यम से एक अभियान शुरू किया है, जिसके अनुसार 500 ग्राम प्लास्टिक पर एक फ़ूड कूपन, एक किलो प्लास्टिक पर दो कूपन और दो किलो प्लास्टिक पर पाँच कूपन दिए जा रहे हैं।
इन कूपनों के माध्यम से नागरिक पाल बागान नगरपालिका लॉज में स्थित ‘अम्मा कैंटीन’ से मुफ्त भोजन प्राप्त कर सकते हैं। यहाँ केवल पाँच रुपये में अंडा-भात और सोया-बीन करी जैसा पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराया जाता है, लेकिन प्लास्टिक जमा करने वाले लोगों के लिए यह भोजन पूरी तरह मुफ़्त है। नगरपालिका के चेयरमैन प्रलय चक्रवर्ती के अनुसार इस पहल का उद्देश्य न केवल शहर को साफ रखना है बल्कि ऐसे ग़रीब लोगों की मदद करना भी है जो पाँच रुपये भी नहीं दे सकते। उनके अनुसार पिछले कुछ वर्षों में ‘अम्मा कैंटीन’ ने अनेक बेघर व्यक्तियों, मरीज़ों और मज़दूरों को सहूलियत प्रदान की है।
करीब तीन सौ से अधिक लोग पहले ही इस सुविधा का लाभ उठा चुके हैं। स्थानीय निवासी इसे शहर के पर्यावरण और सामाजिक कल्याण के लिए एक क्रांतिकारी कदम बता रहे हैं। एक नागरिक विमल राय ने बताया, “मैंने दो किलो प्लास्टिक जमा कर पाँच कूपन प्राप्त किए। यह अभियान न केवल पर्यावरण को स्वच्छ रखने में मदद कर रहा है बल्कि गरीबों के लिए भी एक वरदान है।” इसी प्रकार, गोलाप कर्मकार ने कहा, “मैं प्रतिदिन ‘अम्मा कैंटीन’ के भोजन पर निर्भर करता हूँ। यदि थोड़ी-सी मेहनत कर प्लास्टिक जमा करके हम कई दिनों का मुफ़्त भोजन प्राप्त कर सकते हैं, तो यह समाज के प्रति हमारी ओर से एक छोटी-सी सेवा होगी।”
इस अभियान ने नागरिकों में स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ाई है और यह सुनिश्चित किया है कि प्लास्टिक सड़क या नाली में फेंकने के बजाय निर्धारित स्थान पर जमा किया जाए।

