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हमने कांग्रेस से गांधी, पटेल और अंबेडकर समेत सभी महापुरुषों को छीन लिया: बीजेपी

हमने कांग्रेस से गांधी, पटेल और अंबेडकर समेत सभी महापुरुषों को छीन लिया: बीजेपी

राजस्थान में सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती पर कांग्रेस और बीजेपी के बीच राजनीतिक तनातनी तेज हो गई। विवाद की शुरुआत राजस्थान बीजेपी अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद मदन राठौड़ के बयान से हुई, जिसमें उन्होंने दावा किया कि बीजेपी ने कांग्रेस से महात्मा गांधी, सरदार पटेल और डॉ. भीमराव अंबेडकर जैसे महापुरुषों को “छीन लिया” है। राठौड़ ने व्यंग्य करते हुए कहा कि अब कांग्रेस के पास सिर्फ राहुल गांधी बचे हैं, जो “असली गांधी” भी नहीं हैं, क्योंकि उनकी चाची मेनका गांधी और चचेरे भाई वरुण गांधी बीजेपी में हैं।

राठौड़ के इस बयान ने सियासी माहौल को गर्मा दिया। कांग्रेस ने पलटवार करते हुए कहा कि बीजेपी सिर्फ इन महापुरुषों के नाम का इस्तेमाल करती है, लेकिन उनके आदर्शों और विचारों को अपनाने में विफल रही है। पार्टी नेताओं का कहना है कि गांधी, पटेल और अंबेडकर ने देश की एकता, अखंडता और सामाजिक सौहार्द के लिए जीवन समर्पित किया था, जबकि बीजेपी उन्हीं के नाम पर समाज में विभाजन की राजनीति करती है।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि अगर बीजेपी को सच में इन महापुरुषों से लगाव है, तो उसे उनके सिद्धांतों को अपनाना चाहिए, न कि केवल उनके नामों से राजनीतिक लाभ उठाना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी, गांधी और पटेल की विरासत का दिखावा करती है, जबकि उनके विचारों के ठीक विपरीत काम करती है।

खाचरियावास ने राहुल गांधी का बचाव करते हुए कहा कि वे देश की धरोहर हैं और बीजेपी उनसे डरती है, क्योंकि राहुल गांधी प्रेम, एकता और लोकतांत्रिक सोच की राजनीति करते हैं। उन्होंने दावा किया कि आने वाले बिहार चुनाव में जनता बीजेपी के घमंड को तोड़ देगी और सच्चे विचारों वाली राजनीति को चुनेगी।

सरदार पटेल की जयंती पर शुरू हुआ यह विवाद अब “राष्ट्रनिर्माताओं” की विचारधारा की सच्ची वारिस कौन है, इस मुद्दे पर गहरी राजनीतिक बहस में बदल गया है। दोनों दल एक-दूसरे पर इन महान नेताओं की विरासत को राजनीतिक हथियार की तरह इस्तेमाल करने के आरोप लगा रहे हैं।

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