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हमने हीटवेव को ग्रीनवेव में बदला है: सीएम योगी

हमने हीटवेव को ग्रीनवेव में बदला है: सीएम योगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को कहा कि उनकी सरकार ने अपने आठ साल के कार्यकाल में “हरित क्रांति” के ज़रिए “हीटवेव” को “ग्रीनवेव” में बदलने का काम किया है। सीएम योगी ने रामपुर हलवारा में सरयू नदी के किनारे त्रिवेणी वाटिका में ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान के तहत बरगद, नीम और पीपल के पौधे लगाए और इन पौधों को भगवान श्रीराम, धरती माता और जन्म देने वाली माँ को समर्पित किया।
अयोध्या की पावन धरती पर आयोजित एक जनसभा में उन्होंने पर्यावरण संरक्षण और जलवायु परिवर्तन के खिलाफ इस अभियान की महत्त्वता को रेखांकित किया। मुख्यमंत्री ने बताया कि बीते आठ वर्षों में उत्तर प्रदेश ने पर्यावरण की दिशा में ऐतिहासिक प्रगति की है। इस अवधि में राज्य में 204 करोड़ पौधे लगाए गए, जिनमें से 75% अब भी जीवित हैं। इसके परिणामस्वरूप राज्य में 5 लाख एकड़ क्षेत्रफल में वन क्षेत्र बढ़ा है।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि, हमने ‘हीटवेव’ को ‘ग्रीनवेव’ में बदल दिया है। यह प्रयास न केवल पर्यावरण को स्वच्छ बनाए रखने में सहायक है, बल्कि जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों को भी कम कर रहा है। उन्होंने वैज्ञानिक जगदीश चंद्र बोस का हवाला देते हुए कहा कि पेड़ों में भी जीवन होता है और ये छाया, फल, मिट्टी के संरक्षण और प्रदूषण नियंत्रण में अहम भूमिका निभाते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह अभियान वर्तमान को बेहतर और भविष्य को सुरक्षित करने का संकल्प है। पेड़ हमें प्रदूषण, सांस की बीमारियों और कार्बन उत्सर्जन के प्रभावों से बचाते हैं। उन्होंने जलवायु परिवर्तन को वैश्विक चुनौती बताते हुए कहा कि अत्यधिक बारिश, सूखा और बादल फटने जैसी घटनाएँ अव्यवस्थित विकास का परिणाम हैं।
योगी ने अमेरिका के टेक्सास शहर का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां हाल ही में अचानक आई बाढ़ में सैकड़ों बच्चे लापता हो गए। उन्होंने ज़ोर दिया कि योजनाबद्ध और वैज्ञानिक प्रयासों से विकास और पर्यावरण संरक्षण के बीच संतुलन संभव है।उन्होंने बताया कि जब यह अभियान आठ साल पहले शुरू हुआ था, तब केवल 5 करोड़ पौधे उपलब्ध थे, लेकिन आज वन विभाग, मनरेगा और निजी क्षेत्र के सहयोग से 52 करोड़ पौधे तैयार किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि वृक्षारोपण अभियान से न सिर्फ पर्यावरण को लाभ हुआ है, बल्कि किसानों की आर्थिक स्थिति भी सुदृढ़ हुई है। योगी ने बताया कि “कार्बन फाइनेंसिंग” के तहत किसानों को प्रति पौधा 6 डॉलर पाँच वर्षों तक दिए जा रहे हैं। पिछले साल 25 हज़ार से अधिक किसानों को इसका लाभ मिला और इस साल सात मंडलों के किसानों को “कार्बन क्रेडिट” के रूप में 42 लाख रुपये दिए जाएंगे। इस अवसर पर उन किसानों को सम्मानित भी किया गया जिन्होंने वृक्षारोपण और देखभाल में योगदान दिया।
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