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सरकार बिना शर्त बात करे तो बातचीत के लिए हम तैयार: टिकैत

सरकार बिना कंडीशन और शर्त के बात करे तो बातचीत के लिए हम तैयार

भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत भारत के NDTV से बात करते हुए कहा कि केंद्र द्वारा लाए गए तीन ‘विवादित’ कृषि कानूनों को लेकर अब तक किसानों और सरकार के बीच बातचीत के बहुत दौर चले लेकिन उनका कोई फायदा नहीं हुआ

राकेश टिकैत ने कहा कि हमने पहले भी कहा है और अब भी कह रहे हैं कि सरकार को बिना किसी कंडीशन के बातचीत करनी चाहिए. शर्त लगाकर बातचीत करने का कोई फायदा नहीं है. और अब तक बातचीत की नाकामी के लिए सरकार जिम्‍मेदार है.

किसान नेता ने कहा कि अब तक की बातचीत का कोई नतीजा नहीं निकला तो क्‍या हम कहना छोड़ दें कि हम बातचीत के लिए तैयार नहीं है. हम अभी भी कहते हैं कि हम बातचीत के लिए तैयार हैं लेकिन सरकार बिना किसी कंडीशन और बिना किसी शर्त के बात करे. सरकार ये न कहे कि हम कानून को वापस लेने के लिए तैयार नहीं है.

NDTV के साथ बातचीत करते हुए राकेश टिकैत ने कहा कि हमारा आंदोलन पुरे देश में फैलेगा.अभी हमने वेस्‍ट यूपी के मुजफ्फरनगर में महापंचायत की, आगे हम हम अपनी बात को लेकर पूरे यूपी में जाएंगे. जनता के सामने अपनी बात रखेंगे.

बता दें कि किसान केंद्र सरकार द्वारा लाए गए नए कृषि कानूनों को रद्द कराने की मांग को लेकर पिछले करीब एक साल से आंदोलन कर रहे हैं जबकि सरकार भी अपनी बात पर अडी हुई है उसका कहना है कि कानून रद्द नहीं होंगे, हाँ इसमें जो संशोधन किसानों की ओर से सुझाए जांएगे, इसके लिए वह तैयार है.

राकेश टिकैत ने कहा कि हम अपने अभियान में यह बताएंगे कि कौन सी सरकार ने क्‍या-क्‍या काम किया और वर्तमान सरकार ने क्‍या किया? हम पूरे देश में जाएंगे और लोगों को बताएंगे कि पब्लिक सेक्‍टर की प्रापर्टी बेची जा रही और रेलवे का प्राइवेटाइजेशन किया जा रहा है. उन्‍होंने कहा कि गन्‍ने का मूल्‍य पांच साल से नहीं बढ़ा. गन्‍ने का 18 हजार करोड़ बकाया है.

यूपी में चुनाव लड़ने के बारे में पूछे जाने पर टिकैत ने कहा- हमारा इसका कोई इरादा नहीं है, हम चुनाव नहीं लड़ रहे.

 

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