सरदार पटेल की प्रतिमा को ट्रैक्टर से रौंदने पर उज्जैन में हिंसा
मध्य प्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन के माकड़ोन में सरदार पटेल और अंबेडकर की मूर्ति स्थापित करने को लेकर हुए विवाद में बुधवार रात दो पक्षों में जमकर हिंसा हुई है। एक पक्ष द्वारा ट्रैक्टर से पटेल की मूर्ति गिराने और लाठी-डंडों से तोड़फोड़ करने पर हिंसा भड़क उठी, जिसके बाद उग्र लोगों ने पथराव किया और कुछ गाड़ियों में तोड़फोड़ करने के साथ आगजनी भी की।
इस घटना से संबंधित थाने के एसएचओ भीम सिंह देवड़ा को संस्पेंड कर दिया गया है। घटना को लेकर प्रशासन ने भीम आर्मी से जुड़े लोगों पर आरोप लगाए हैं। प्रशासन का कहना है कि इस घटना में भीम आर्मी के नेता शामिल
उज्जैन जिले की मकड़ोनिया पंचायत में पाटीदार समाज और भीम आर्मी के बीच लंबे समय से टसल चल रही है। पंचायत में खाली पड़ी जगह पर भीम आर्मी बाबा साहब भीम राव आंबेडकर की प्रतिमा लगाने की मांग कर रही है। जबकि पाटीदार समाज के लोग सरदार पटेल की प्रतिमा स्थापित करना चाह रहे हैं। तमाम विवाद के बीच मामला पंचायत के समक्ष विचाराधीन है।
लेकिन इसी बीच पाटीदार समाज के लोगों ने बुधवार रात खाली पड़ी जगह पर सरदार पटेल की प्रतिमा स्थापित कर दी। इस बात की भनक भीम आर्मी से जुड़े लोगों को लगी तो उसके झंडे तले गुरुवार सुबह लोग जमा हो गए और उन्होंने वो कर डाला जिसकी कल्पना प्रशासन ने नहीं की थी।
भीम आर्मी का एक समर्थक ट्रैक्टर ले आया और उसने ट्रैक्टर से सरदार पटेल की प्रतिमा को टक्कर मारना शुरू कर दिया। पाटीदार समाज के लोगों ने रोकना चाहा, लेकिन भीम आर्मी का समर्थक नहीं रुके। उसने ट्रैक्टर की टक्करों से सरदार पटेल की प्रतिमा को गिराकर ही दम लिया। प्रतिमा पूरी तरह से नहीं टूटी तो भीड़ में शामिल युवकों ने सब्बल मारकर प्रतिमा को तोड़ दिया। महिलाओं ने प्रतिमा पर पत्थर बरसाये।