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बजरंग दल बैन पर विहिप ने कांग्रेस अध्यक्ष को मानहानि का नोटिस भेजा

बजरंग दल बैन पर विहिप ने कांग्रेस अध्यक्ष को मानहानि का नोटिस भेजा

कर्नाटक चुनाव में अपने चुनावी घोषणा-पत्र में कांग्रेस ने दावा किया था कि अगर वह सत्ता में आई, तो बजरंग दल और पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) जैसे व्यक्तियों और संगठनों के खिलाफ कड़ी एवं निर्णायक कार्रवाई करेगी, जो जाति और धर्म के नाम पर समाज में नफरत फैलाते हैं।

विश्व हिंदू परिषद (विहिप) की चंडीगढ़ इकाई ने शनिवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को उनकी शाखा बजरंग दल के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने का आरोप लगाते हुए एक कानूनी नोटिस जारी किया है। द हिंदू की एक रिपोर्ट के मुताबिक, खड़गे को जारी किए गए नोटिस में विहिप ने कहा है कि पीएफआई और सिमी अल-कायदा, आईएसआईएस के अलावा अन्य वैश्विक आतंकवादी संगठनों से जुड़े आतंकवादी संगठन हैं, जिन पर संयुक्त राष्ट्र महासभा और 100 से अधिक देशों द्वारा प्रतिबंध लगाया गया है।

इसमें कहा गया है कि दोनों संगठनों ने नरसंहार, बलात्कार, बम विस्फोट, अपहरण, मानव-तस्करी, रासायनिक हमले, साइबर हमले, सार्वजनिक फांसी आदि जैसे तरीकों से उनके धार्मिक विचारों का विरोध करने वालों को निशाना बनाया है। कांग्रेस द्वारा की गई इस घोषणा पर तब विवाद खड़ा हो गया जब दक्षिणपंथी संगठनों ने पीएफआई के साथ बजरंग दल की तुलना किए जाने पर आपत्ति जताई. विहिप के मुताबिक पीएफआई एक आतंकवादी संगठन है, जो विभिन्न देशों में प्रतिबंधित है।

इसमें कहा गया है कि विहिप के तत्वावधान में बजरंग दल सहिष्णुता, धार्मिक एकता, राष्ट्रीय अखंडता और राष्ट्र के प्रति सेवा में विश्वास करता है। नोटिस में दर्ज है, ‘राष्ट्र की सेवा में बजरंग दल भगवान राम और भगवान हनुमान से प्रेरणा लेता है, जो धर्म और सेवा के आदर्श अवतार हैं। इसमें कहा गया है कि बिना किसी आधार के पीएफआई और अन्य तालिबानी संगठनों के साथ बजरंग दल की तुलना करते हुए लगाए गए आरोप पूरे भारत के लाखों बजरंग दल और विहिप के कार्यकर्ताओं के नाम और सम्मान को हानि पहुंचाते हैं।

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