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स्वाति मालीवाल पर हमले के आरोपी वैभव कुमार को सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत

स्वाति मालीवाल पर हमले के आरोपी वैभव कुमार को सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को आम आदमी पार्टी (आप) की राज्यसभा सदस्य स्वाति मालीवाल पर हमले के आरोपी वैभव कुमार को जमानत दे दी। जस्टिस सूर्य कांत और उज्ज्वल भुइयाँ की बेंच ने इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कहा कि वह पहले ही 100 दिनों से अधिक हिरासत में रह चुके हैं। बेंच ने इस बात का भी संज्ञान लिया कि ट्रायल में 51 से अधिक गवाहों पर जिरह होनी है, जिसमें काफी समय लग सकता है।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के करीबी माने जाने वाले कुमार की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से कहा, “अगर (पीड़िता की) चोटें सामान्य हैं, तो आप किसी व्यक्ति को 100 दिनों से अधिक जेल में नहीं रख सकते। मेडिकल रिपोर्ट देखें।”

दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा जमानत याचिका खारिज होने के बाद कुमार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। दिल्ली पुलिस ने जमानत याचिका का कड़ा विरोध किया था। पुलिस ने याचिका पर अपना जवाब दाखिल करते हुए सुप्रीम कोर्ट में यह विरोध दर्ज कराया था। पुलिस ने कहा था कि अपराध के तुरंत बाद मुख्यमंत्री केजरीवाल और याचिकाकर्ता दोनों काफी समय तक साथ थे।

पुलिस ने कहा, “इस (हमले) के बाद के दिनों में जिम्मेदार सरकारी कर्मचारियों के विरोधाभासी सार्वजनिक बयान का भी सही संदर्भ में मूल्यांकन किया जाना चाहिए, ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या याचिकाकर्ता के हाथों शिकायतकर्ता/पीड़िता पर बर्बर हमले के पीछे कोई बड़ी साजिश थी या नहीं।”

हलफनामे में पुलिस ने यह भी कहा कि अपराध के बाद के दिनों में पार्टी के दोनों जिम्मेदारों ने भी घटना के संबंध में अपना रुख पूरी तरह बदल दिया था। पुलिस ने हलफनामे में कहा था, “यह बहुत गंभीर मामला है क्योंकि पीड़िता दिल्ली की सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी की मौजूदा सांसद हैं। उन्हें मुख्यमंत्री आवास जैसे अत्यधिक संवेदनशील स्थान पर बुरी तरह पीटा गया है।”

पुलिस ने अदालत के समक्ष कहा था कि, “पीड़िता लंबे समय से दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) की अध्यक्ष रही हैं। उन पर इस तरह के हमले समाज में महिलाओं की सुरक्षा के बारे में संदेह उत्पन्न करते हैं।” पुलिस ने यह भी कहा कि इस घटना का आम जनता के मन पर गहरा प्रभाव पड़ा है और इस मामले में कोई भी निर्णय आम जनता के मन पर व्यापक प्रभाव डालेगा। गौरतलब है कि याचिकाकर्ता पर 13 मई को केजरीवाल के सरकारी आवास पर मालीवाल पर हमला करने का आरोप है।

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