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उत्तरकाशी सुरंग: मौसम विभाग IMD ने येलो अलर्ट जारी किया

उत्तरकाशी सुरंग: मौसम विभाग IMD ने  येलो अलर्ट जारी किया

उत्तराखंड के पर्वतीय इलाके उत्तरकाशी में एक तरफ जहां 41 मजदूर सुरंग के अंदर जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे हैं। वहीं येलो अलर्ट जारी होने से बचावकर्मियों की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। मौसम विभाग ने उत्तरकाशी में कई जगहों पर हल्की बारिश और बर्फबारी का अलर्ट जारी किया है। ऐसे में फंसे मजदूरों के साथ ही रेस्क्यू में लगे लोगों के सामने डबल चुनौती पेश आ रही है।

मौसम विभाग ने बारिश और बर्फबारी को लेकर उत्तराखंड के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। अलर्ट के मुताबिक, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, पिथौरागढ़ और अल्मोड़ा के ऊपरी इलाकों में भारी बारिश के साथ बर्फबारी की संभावना है। ऐसे में अगर बारिश और बर्फबारी हुई तो बचाव अभियान में मुश्कलें आ सकती हैं।

न्यूज़ एजेंसी PTI की रिपोर्ट के मुताबिक ऑगर मशीन के ब्लेड मलबे में फंसने से काम बाधित होने के बाद दूसरे विकल्पों पर विचार किए जा रहा है। इस बीच शनिवार को अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों ने उम्मीद जताई कि श्रमिक अगले महीने क्रिसमस तक बाहर आ जाएंगे। शुक्रवार को लगभग पूरे दिन ‘ड्रिलिंग’ का काम बाधित रहा, हालांकि समस्या की गंभीरता का पता शनिवार को चला जब सुरंग मामलों के अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ अर्नोल्ड डिक्स ने संवाददाताओं को बताया कि ऑगर मशीन ‘‘खराब’’ हो गई है।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के अनुसार, जिस पाइप के अंदर घुसकर मैनुअल ड्रिलिंग की जानी है उसमें पहले से उपकरण डाला गया है जिसे निकाला जा रहा है। उसके बाहर आते ही हाथ से ड्रिलिंग शुरू होगी जो काफी मेहनत भरी और टाइम टेकिंग प्रक्रिया है। वर्टिकल ‘ड्रिलिंग’ के लिए भारी उपकरणों को शनिवार को 1.5 किलोमीटर की पहाड़ी सड़क पर ले जाया गया। इस मार्ग को सीमा सड़क संगठन द्वारा कुछ ही दिनों में तैयार किया गया है।

अंदर फंसे मजदूरों की मानसिक चिकित्सा को ध्यान में रखते हुए उनका स्ट्रेस कम करने के लिए बचाव एजेंसियों ने अंदर लूडो और प्लेयिंग कार्ड्स भेजा है। इनसे मजदूर खेलकर थोड़े रिलैक्स हो पा रहे हैं। इन श्रमिकों के बाहर निकलने पर इन्हें पास के अस्पताल में ले जाया जाएगा जहां 41 बेड सुरक्षित रखे गए हैं। बचावस्थल पर 41 एंबुलेंस पहले से तैयार हैं और मुख्यमंत्री धामी यहां अस्थाई कैम्प बनाकर लगातार बचाव अभियान की निगरानी कर रहे हैं।

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