अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट से तहाव्वुर राणा की भारत प्रत्यर्पण पर रोक लगाने की याचिका खारिज
अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने तहव्वुर की उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें उसने भारत प्रत्यर्पण के फैसले पर रोक लगाने की मांग की थी। उसने दलील दी थी कि अगर उसे भारत प्रत्यर्पित कर दिया जाता है तो वहां उसे मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया जा सकता है। यह फ़ैसला पिछले महीने पीएम मोदी की अमेरिकी यात्रा के दौरान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा राणा के प्रत्यर्पण को मंजूरी देने के कुछ हफ्तों बाद आया है।
अब मुंबई आतंकी हमले के आरोपी तहाव्वुर राणा के प्रत्यर्पण में कोई अड़चन नहीं आएगी। तहव्वुर राणा पाकिस्तानी मूल का कनाडाई नागरिक है। वह फ़िलहाल लॉस एंजिल्स के मेट्रोपॉलिटन डिटेंशन सेंटर में बंद है। उसको लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी डेविड हेडली के साथ संबंधों के लिए जाना जाता है।
राणा ने अपनी याचिका में कहा था कि, वह पाकिस्तानी मूल का मुसलमान है, इसलिए भारत में उसे भेदभाव और प्रताड़ना का सामना करना पड़ सकता है। उसने यह भी तर्क दिया कि उसकी सेहत ठीक नहीं है और वह पार्किंसंस जैसी बीमारियों से जूझ रहा है।
राणा ने याचिका में कहा था कि, अगर उसे भारत भेजा गया, तो वह ज्यादा दिनों तक जीवित नहीं रहेगा। उसने कहा कि राष्ट्रीय, धार्मिक और सांस्कृतिक आधार पर उसे निशाना बनाया जाएगा। उसने ह्यूमन राइट्स वॉच 2023 की रिपोर्ट का हवाला देते हुए दावा किया था कि, भारत में धार्मिक अल्पसंख्यकों, खासकर मुस्लिमों के साथ भेदभाव होता है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, राणा को कुछ ही हफ्तों में भारत लाया जा सकता है। महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा, “हमारी जेलें राणा के लिए तैयार हैं। हमने अजमल कसाब को रखा था, इसलिए सुरक्षा को लेकर कोई खतरा नहीं है।