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उर्दू दुनिया की सबसे खूबसूरत भाषा, देश की तरक़्क़ी के लिए हिंदू-मुस्लिम सौहार्द जरूरी: किरेन रिजिजू

उर्दू दुनिया की सबसे खूबसूरत भाषा, देश की तरक़्क़ी के लिए हिंदू-मुस्लिम सौहार्द जरूरी: किरेन रिजिजू

केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया के 105वें स्थापना दिवस के मौके पर उर्दू भाषा को “दुनिया की सबसे खूबसूरत भाषा” बताया और कहा कि, भारत की तरक़्क़ी और एकता के लिए हिंदू-मुस्लिम सौहार्द बेहद जरूरी है।

बुधवार को आयोजित समारोह में रिजिजू ने कहा कि “उर्दू दुनिया की सबसे खूबसूरत भाषा है, और भारत के विकास के लिए हिंदू-मुस्लिम एकता और भाईचारा अनिवार्य है।” वे जामिया मिलिया इस्लामिया (जेएमआई) के 105वें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित कर रहे थे, जिसमें कुलपति प्रोफेसर मज़हर आसिफ़, रजिस्ट्रार मेहताब आलम रिज़वी और डीन ऑफ स्टूडेंट्स वेलफेयर नीलोफर अफज़ल भी मौजूद थे।

कार्यक्रम की शुरुआत गार्ड ऑफ ऑनर और कुरआन की तिलावत से हुई, जिसके बाद स्कूल के छात्रों ने विश्वविद्यालय का तराना पेश किया। जामिया के एक बयान के अनुसार, यह समारोह छह दिन लंबे शैक्षणिक और सांस्कृतिक मेले के उद्घाटन का प्रतीक भी था, जो एक दशक से अधिक समय के बाद पूर्ण रूप से आयोजित किया जा रहा है।

इस अवसर पर रिजिजू ने “जौहर” नामक न्यूज़लेटर का विशेष अंक जारी किया, जो आठ साल बाद दोबारा प्रकाशित हुआ है, साथ ही विश्वविद्यालय की वार्षिक रिपोर्ट भी जारी की। उन्होंने जामिया को “भारत की समावेशी संस्कृति का उत्कृष्ट उदाहरण” बताया और कहा कि यह संस्थान हमेशा देश को एकता, राष्ट्रवाद और भाईचारे का मजबूत संदेश देता रहा है।

उन्होंने विश्वविद्यालय के संस्थापकों को श्रद्धांजलि दी और महात्मा गांधी, रवींद्रनाथ टैगोर, सरोजनी नायडू और मौलाना अबुल कलाम आजाद के योगदान को याद किया। उनके अनुसार, “जामिया बौद्धिक और सांस्कृतिक दृष्टि से अद्वितीय है, और मेरे दिल में इसकी एक विशेष जगह है।”

रिजिजू ने जामिया में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के प्रभावी क्रियान्वयन की सराहना की और कहा कि वे संस्थान के शैक्षणिक स्तर और राष्ट्रीय रैंकिंग से “काफी प्रभावित” हैं।

लोकतंत्र में खुले विमर्श के महत्व पर बोलते हुए रिजिजू ने कहा, “हमारे लोकतांत्रिक तंत्र में लोग अपने विचार खुलकर रखते हैं, जिससे कभी-कभी मतभेद पैदा होते हैं, लेकिन यही लोकतंत्र की असली ताक़त है।” उन्होंने आगे कहा, “संसदीय कार्य मंत्री के रूप में सदन चलाना कभी-कभी मुश्किल होता है, लेकिन संसद में होने वाला शोर-शराबा एक जीवंत और गतिशील लोकतंत्र का प्रतीक है। आखिरकार, महत्वपूर्ण कानून हमेशा देश के हित में ही पारित होते हैं।”

उन्होंने भारतीय संविधान को देश की सबसे बड़ी ताकत बताया और कहा कि “संविधान हर समस्या का समाधान देता है, इसलिए हमारी सुरक्षा और एकता इसी में निहित है।”

रिजिजू ने ज़ोर देकर कहा कि सामाजिक सद्भाव बनाए रखना सामूहिक जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा, “छह मान्यता प्राप्त अल्पसंख्यकों में मुसलमान लगभग 80 प्रतिशत हैं। हिंदू और मुस्लिम दोनों ही बड़ी समुदाय हैं, और उनका शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व देश की प्रगति की बुनियाद है। अगर ये दोनों मिलकर रहें, तो बाकी सभी समुदाय भी भारत की समृद्धि में अपना योगदान देंगे। जामिया मिलिया इस्लामिया इस संदेश की बेहतरीन मिसाल है।”

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