यूपी में यूपीएससी छात्रों का विरोध प्रदर्शन तीसरे दिन भी जारी रहा

यूपी में यूपीएससी छात्रों का विरोध प्रदर्शन तीसरे दिन भी जारी रहा

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) की ओर से प्रारंभिक परीक्षा दो अलग-अलग तारीखों में कराए जाने के फैसले के खिलाफ आयोग के मुख्यालय के सामने उम्मीदवारों का प्रदर्शन बुधवार को तीसरे दिन भी जारी रहा। छात्र दो रातों और तीन दिनों से UPPSC के कार्यालय के सामने धरना दे रहे हैं।

गौरतलब है कि आयोग ने रिव्यू ऑफिसर और असिस्टेंट रिव्यू ऑफिसर (RO-ARO) तथा प्रोविंशियल सिविल सर्विस (PCS) की प्रारंभिक परीक्षाओं को दो अलग-अलग दिनों और अलग-अलग समय में कराने की घोषणा की थी। उम्मीदवारों की मांग है कि परीक्षाएं एक ही दिन और एक ही शिफ्ट में आयोजित की जाएं ताकि किसी प्रकार का भ्रम न हो और पारदर्शिता बनी रहे।

बुधवार को विभिन्न जिलों से आए उम्मीदवारों ने मोमबत्तियां जलाकर अपना विरोध जताया। बड़ी संख्या में उम्मीदवार खुले आसमान के नीचे रात में भी रुके हुए हैं, जबकि कुछ छात्राएं रात में घर लौट कर सुबह फिर प्रदर्शन स्थल पर पहुंच रही हैं। उम्मीदवारों ने UPPSC के गेट नंबर 2 पर अनिश्चितकालीन हड़ताल का ऐलान किया है। उनका कहना है कि जब तक आयोग अपना फैसला वापस नहीं लेता, यह विरोध जारी रहेगा।

इस निर्णय के विरोध में दिल्ली और प्रयागराज (इलाहाबाद) में भी छात्र विरोध कर रहे हैं। उम्मीदवारों का कहना है कि “नॉर्मलाइजेशन” प्रक्रिया से कुछ उम्मीदवारों को लाभ मिलेगा और कुछ को नुकसान होगा।

गौरतलब है कि “नॉर्मलाइजेशन” एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके तहत विभिन्न शिफ्टों में आयोजित परीक्षाओं में छात्रों को मिले अंकों को औसत पर लाया जाता है ताकि किसी शिफ्ट के छात्रों को आसान और दूसरी शिफ्ट के छात्रों को कठिन प्रश्न पत्र मिलने पर दोनों शिफ्टों के अंकों को बराबर किया जा सके।

छात्रों का मानना है कि दो शिफ्टों में पेपर होने की वजह से एक शिफ्ट में आसान और एक में कठिन प्रश्न आ सकते हैं, जिससे “नॉर्मलाइजेशन” के तहत अच्छे छात्रों को नुकसान उठाना पड़ सकता है और भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिल सकता है। इसी कारण से छात्र लगातार विरोध कर रहे हैं। उनका आग्रह है कि परीक्षा एक ही शिफ्ट और एक ही दिन में कराई जाए।

आयोग का कहना है कि उनके पास इतने केंद्र नहीं हैं कि 6 लाख उम्मीदवारों की परीक्षा एक साथ कराई जा सके। छात्रों का तर्क है कि इससे पहले आयोग इससे अधिक छात्रों की परीक्षाएं आयोजित करता रहा है। इससे पहले मंगलवार को प्रयागराज में छात्रों ने ढोल बजाकर विरोध प्रदर्शन किया और “जुड़ेगे और जीतेंगे” का नारा लगाया। उम्मीदवारों ने पोस्टरों के माध्यम से विभिन्न पदों की दरें भी जारी कीं और नॉर्मलाइजेशन के खिलाफ आवाज उठाई।

प्रयागराज के पुलिस कमिश्नर तरुण गाबा भी प्रदर्शनकारी छात्रों के बीच पहुंचे और उन्हें बताया कि वे भी एक समय प्रतियोगी परीक्षा में शामिल हो चुके हैं। उन्होंने छात्रों से आग्रह किया कि वे आयोग के कार्यालय के सामने से हटकर सिविल लाइंस में प्रदर्शन करें, क्योंकि इससे सड़क बंद हो रही है और आम लोगों को परेशानी हो रही है।

कमिश्नर ने कहा कि प्रदर्शन स्थल पर छात्रों के लिए उचित व्यवस्था की जाएगी। हालांकि, छात्र नाराज हो गए और कह दिया कि अब वे कहीं नहीं जाएंगे। सुबह 11 बजे तक हजारों छात्र दोबारा प्रदर्शन स्थल पर पहुंच गए। छात्रों के विभिन्न समूह अपने-अपने अंदाज में आए। कुछ ढोल के साथ गाते-नाचते हुए पहुंचे, जबकि कुछ प्रतीकात्मक शवयात्रा के साथ पहुंचे। आयोग के सामने दिन भर ढोल-ढमाके का शोर रहा। छात्रों का कहना था कि न हम सोएंगे और न किसी को सोने देंगे।

कई छात्रों ने पोस्टर पकड़े हुए थे जिन पर लिखा था, “पहले आएं पहले पाएं। अगर नॉर्मलाइजेशन लागू होता है तो रेट लिस्ट, SDM के लिए 70 लाख, डिप्टी एसपी के लिए 65 लाख, ARTO के लिए 60 लाख, BSA के लिए 55 लाख और PCS जे के लिए 70 लाख। यूपीआई और ऑनलाइन भुगतान भी स्वीकार किए जाएंगे।” इसी प्रकार आयोग के गेट नंबर 2 के सामने सड़क पर लिखा था, “हम छात्रों की सिर्फ एक इच्छा है, परीक्षा एक शिफ्ट में आयोजित की जाए।”

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