उमर खालिद ने सुप्रीम कोर्ट से अपनी जमानत याचिका वापस ले ली
दिल्ली दंगे मामले में जेल में बंद जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के पूर्व छात्र उमर खालिद ने सुप्रीम कोर्ट से अपनी जमानत अर्जी वापस ले ली है। खालिद को सितंबर 2020 में गिरफ्तार किया गया था और उस पर आपराधिक साजिश, दंगा, गैरकानूनी रूप से एकत्र होने के साथ-साथ गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत कई अन्य अपराधों के आरोप लगाए गए थे। तब से वह जेल में है।
जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद लंबे समय से सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने की आस लगाए थे। लेकिन उनकी याचिका पर सुनवाई नहीं हो रही थी। उमर के वकील कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और जस्टिस पंकज मिथल की बेंच को बताया कि वो परिस्थितियां बदलने की वजह से अपनी जमानत याचिका वापस लेना चाहते हैं और नए सिरे से ट्रायल कोर्ट के सामने जमानत मांगने के लिए आवेदन करेंगे।
उमर की याचिका अप्रैल-2023 से सुप्रीम कोर्ट में लंबित थी, जिसकी सुनवाई कई बार स्थगित की जा रही थी। सुप्रीम कोर्ट ने उमर खालिद को याचिका वापस लेने की अनुमति देते हुए उनकी जमानत याचिका रद्द कर दी है। जिसके बाद उमर खालिद अब नए सिरे से अपनी जमानत के लिए याचिका दायर कर सकेंगे। उमर खालिद ने गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम यानी UAPA के विभिन्न प्रावधानों को सुप्रीम कोर्ट चुनौती दे रखी थी।
आपको बता दें कि उमर खालिद को सितंबर 2020 में गिरफ्तार किया गया था. उमर खालिद, शरजील इमाम और कई अन्य पर फरवरी 2020 के दिल्ली दंगों के मास्टरमाइंड होने के आरोप लगा था, जिसके लिए उन पर आतंकवाद विरोधी कानून यूएपीए के तहत केस दर्ज किया गया था। दिल्ली दंगों में 53 लोग मारे गए और 700 से ज्यादा घायल हो गए थे।