ब्रिटेन की बनी वैक्सीन को ही नहीं स्वीकार रही है ब्रिटेन सरकार
एम्स प्रमुख डॉ. रणदीप गुलेरिया ने भारत से ब्रिटेन जाने वालों के लिए ब्रिटेन की सरकार के नए क्वारंटाइन नियमों की आलोचना करते हुए कहा कि ब्रिटेन की सरकार अपने ही देश में आविष्कार की गई वैक्सीन को स्वीकार नहीं कर रही है.
बता दें कि ब्रिटेन ने पूर्व में अमेरिका, इस्राईल और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों के वैक्सीन की डोज ले चुके नागरिकों को 4 अक्टूबर से प्रवेश की अनुमति दी है. उन्हें क्वारंटाइन की जरूरत नहीं होगी, हालांकि अन्य देश के वैक्सीनेटेड नागरिकों पर कड़े प्रतिबंध लगाए गए हैं. जिसमें 10 दिन का होम आइसोलेशन भी शामिल है. ब्रिटेन की सरकार के इन नए नियमों की खूब आलोचना की जा रही है.
एम्स प्रमुख डॉ. गुलेरिया ने भी भारत नागरिकों पर ब्रिटेन के क्वारंटाइन नियमों की आलोचना करते हुए कहा, “ब्रिटेन की सरकार ब्रिटेन में ही बनी एक वैक्सीन को स्वीकार नहीं कर रही है. भारतीय नागरिकों के लिए ब्रिटेन के मानदंड अजीब हैं. उनके पास में वैज्ञानिक आधार की कमी है.”
साथ ही उन्होंने कहा कि यदि महामारी के दौरान बहुत जरूरी हो तो ही यात्रा करें. उन्होंने कहा कि मामलों की संख्या में कमी आ रही है, यह अच्छा है. साथ ही उन्होंने कहा कि त्योहारी सीजन में लोगों को सावधानी बरतने की जरूरत है.
ग़ौर तलब है कि भारत भी जैसे को तैसा की नीति अपना सकता है. सूत्रों का कहना है कि इसके बाद ब्रिटेन से आने वाले लोगों को 10 दिनों के अनिवार्य क्वारंटाइन में भेजा जा सकता है. ब्रिटेन ने भारत की कोविशील्ड वैक्सीन को तो स्वीकृत कर लिया है, लेकिन अब उसने वैक्सीन सर्टिफिकेट पर आपत्ति जताई है.