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उज्जैन की मस्जिद भी निशाने पर, शिव मंदिर होने का दावा

उज्जैन की मस्जिद भी निशाने पर, महामंडलेश्वर ने किया शिव मंदिर होने का दावा

वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। ज्ञानवापी मस्जिद के बाद हिंदुत्ववादी दलों ने मथुरा की शाही ईदगाह को लेकर अदालत में याचिका दायर की है।

उज्जैन में बिना नींव की मस्जिद पर भी उज्जैन के महामंडलेश्वर ने दावा करते हुए कहा है कि यह प्राचीन शिव मंदिर है। उज्जैन के दानी गेट पर बनी मस्जिद को स्थानीय महामंडलेश्वर ने प्राचीन शिव मंदिर बनाते हुए दावा किया है कि राजा भोज शिव भक्त थे उन्होंने 1026 में महमूद गजनवी को हराया था और उसके बाद हमारे उज्जैन में एक शिव मंदिर का निर्माण कराया था जिसे छोटी भोजशाला भी कहा जाता था।

अतुलेशनंद ने दावा करते हुए कहा कि एक भोजशाला धार में स्थित है जहां सरस्वती का मंदिर है। राजा भोज ने उज्जैन में शिव मंदिर का निर्माण कराया था। उन्होंने इसी तरह के कई मंदिर देश के अलग-अलग भागों में बनवाए थे। मुगलों ने 1600 में उज्जैन में कब्जा किया तो यहां बने शिव मंदिर को तोड़ दिया था जिसे आज बिना नींव की मस्जिद के नाम से जाना जाता है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार उज्जैन में भी बिना नींव की मस्जिद को लेकर हिंदुत्ववादी दलों ने उन्माद फैला दिया है। शहर के कई स्थानों में अलग-अलग धार्मिक स्थलों पर पुलिस बल को तैनात किया गया है। उज्जैन पुलिस ने कहा है कि वे सुरक्षा की दृष्टि से हर संभव प्रयास कर रहे हैं।

उज्जैन के महामंडलेश्वर ने कहा कि मैंने बिना नींव वाली मस्जिद में गणेश की प्रतिमा, हाथी घोड़े हाथी की मूर्ति देखी है। महामंडलेश्वर ने प्रशासन से मांग की है कि इसकी जांच कराएं और मस्जिद की वीडियोग्राफी करते हुए साक्ष्य जमा कराएं। उज्जैन के महामंडलेश्वर ने दावा करते हुए कहा है कि जब मुगल शासकों ने यहां कब्जा किया था तब उन्होंने इस मस्जिद का निर्माण कराया था।

महामंडलेश्वर ने दावा करते हुए कहा कि 2007 में जब मैंने मंदिर में प्रवेश किया था तो मैंने देखा था कि वहां गणेश की मूर्ति और हाथी घोड़े आदि बने हुए थे। पत्थरों पर पहरेदार सैनिकों की विशाल मूर्तियां बनी हुई थी। अतुलेशानंद ने कहा कि मैं इस मामले को लेकर कोर्ट में जाना पसंद करूंगा और एफ आई आर दर्ज कराऊंगा ताकि इस मस्जिद के पूरे कागज निकाले जा सके और संपत्ति तथा भगवान शिव को पुनः प्राप्त किया जा सके।

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