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‘उद्धव, बाला साहेब की कसम खाकर कहें कि अडानी से कभी चंदा नहीं लिया: संजय निरूपम

‘उद्धव, बाला साहेब की कसम खाकर कहें कि अडानी से कभी चंदा नहीं लिया: संजय निरूपम

मुंबई: जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आते जा रहे हैं, आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज होता जा रहा है। दो दिन पहले उद्धव ठाकरे द्वारा अडानी को धारावी और मुंबई की कीमती जमीनें सौंपने के आरोप के बाद सोमवार को पूर्व सांसद और शिवसेना (शिंदे) गुट के नेता संजय निरुपम ने चुनौती दी है कि उद्धव ठाकरे, बाला साहेब ठाकरे की कसम खाकर कहें कि उन्होंने अडानी से कोई चंदा नहीं लिया है और न आगे लेंगे। संजय निरुपम ने यह भी आरोप लगाया कि विधानसभा चुनाव में चंदा लेने के लिए अडानी विरोधी बयान दिए जा रहे हैं।

मंत्रालय के सामने स्थित शिवसेना (एकनाथ शिंदे) के पार्टी ऑफिस बाला साहेब भवन में सोमवार को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में संजय निरुपम ने कहा, ”उद्धव ठाकरे जो अडानी का विरोध कर रहे हैं, उसका मकसद अडानी से चंदा प्राप्त करना है। मैं चुनौती करता हूं कि उद्धव ठाकरे, उनके पिता बाला साहेब ठाकरे की कसम खाकर कहें कि उन्होंने कभी अडानी से चंदा नहीं लिया और यह भी कसम खाएं कि आगामी विधानसभा चुनाव में वे चंदा नहीं लेंगे।”

निरुपम के अनुसार, ”चुनाव में चंदा प्राप्त करने का यह ड्रामा किया जा रहा है। लोकसभा चुनाव से पहले भी इसी तरह का शोर मचाया गया था, लेकिन उसके बाद पूरी तरह से चुप्पी छा गई थी और अब जब विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं तो फिर अडानी के खिलाफ शोर मचाया जा रहा है और धारावी के लोगों को गुमराह करके भ्रमित किया जा रहा है।”

संजय निरुपम से जब यह पूछा गया कि सरकार तो आपकी है, तो इसकी जांच क्यों नहीं करते? उन्होंने कहा, ”अगर राजनीतिक पार्टियां बड़े-बड़े व्यवसायियों और बिल्डरों से फंड और चंदा लेती हैं तो इसमें कोई गलत बात नहीं है, यह कोई बड़ा अपराध नहीं है। सभी पार्टियां इस तरह चंदा लेती हैं और लेती रहेंगी, हालांकि इसमें एक पारदर्शी प्रणाली लाने की कोशिश लंबे समय से की जा रही है। लेकिन एक तरफ चंदा लेना और दूसरी तरफ विरोध करना, और जो यह ड्रामा चल रहा है, उसकी हम आलोचना करते हैं।”

गौरतलब है कि 20 जुलाई को उद्धव ठाकरे ने दादर में स्थित शिवसेना भवन में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह दावा किया था कि सरकार पक्षपात करते हुए अपने चहेते ठेकेदार और चहेते दोस्त को धारावी की लगभग 590 एकड़ जमीन सौंपने पर आमादा है और धारावी के निवासियों और व्यवसायियों को योग्य और अयोग्य के जाल में फंसाना चाहती है।

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