रूसी तेल को लेकर भारत–अमेरिका के रिश्तों में तल्ख़ी के बीच ट्रंप ने पीएम मोदी को बधाई दी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 75वें जन्मदिन पर भारत-अमेरिका संबंधों में अप्रत्याशित मोड़ देखने को मिला। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, जो पिछले कई महीनों से भारत की आलोचना कर रहे थे, मंगलवार शाम को मोदी को व्यक्तिगत रूप से फ़ोन कर शुभकामनाएं दीं और द्विपक्षीय रिश्तों की मज़बूती पर ज़ोर दिया। यह पहल ऐसे समय में हुई जब दोनों देशों के बीच रूस से तेल आयात और यूक्रेन युद्ध को लेकर गहरी तनातनी बनी हुई थी।
प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स पर इस कॉल का ज़िक्र करते हुए लिखा, “मेरे मित्र, राष्ट्रपति ट्रंप, आपके फ़ोन और हार्दिक शुभकामनाओं के लिए धन्यवाद। मैं भी भारत-अमेरिका व्यापक संबंधों और वैश्विक साझेदारी को नई ऊँचाइयों पर ले जाने के लिए प्रतिबद्ध हूँ। हम यूक्रेन संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान की दिशा में आपकी पहल का समर्थन करते हैं।”
ट्रंप ने भी सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म ट्रुथ सोशल पर लिखा, “अभी-अभी प्रधानमंत्री मोदी से बहुत अच्छी बातचीत हुई। मैंने उन्हें जन्मदिन की शुभकामनाएं दीं। नरेंद्र रूस-यूक्रेन युद्ध के शांतिपूर्ण समाधान में सहयोग कर रहे हैं।” यह संदेश और कॉल दोनों देशों के हालिया बयानों के तीखे विरोधाभास के कारण विशेष महत्व रखते हैं। कुछ ही हफ़्ते पहले, वाशिंगटन भारत पर रूस से तेल ख़रीदकर युद्ध को लंबा खींचने का आरोप लगा रहा था और भारतीय वस्तुओं पर 50 फीसदी तक का टैरिफ लगा चुका था।
दिलचस्प बात यह है कि इसी महीने की शुरुआत में माहौल बदलना शुरू हो गया। 6 सितंबर को ट्रम्प ने भारत-अमेरिका रिश्तों को “विशेष” करार देते हुए नरमी दिखाई, जबकि पीएम मोदी ने अमेरिका को “स्वाभाविक साझेदार” बताया। इसके बाद व्यापारिक तनाव कम करने के संकेत मिलने लगे।
इस बदलते माहौल का असर मंगलवार को स्पष्ट दिखा जब नई दिल्ली में दोनों देशों के प्रतिनिधियों ने सात घंटे लंबी वार्ता की। अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि ब्रेंडन लिंच और भारतीय वाणिज्य मंत्रालय के विशेष सचिव राजेश अग्रवाल के नेतृत्व में हुई इस बैठक को दोनों पक्षों ने “सकारात्मक और दूरदर्शी” बताया। दोनों ने एक पारस्परिक लाभकारी व्यापार समझौते की दिशा में तेजी लाने पर सहमति जताई।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि मोदी को जन्मदिन पर ट्रम्प का यह कॉल केवल औपचारिकता नहीं, बल्कि बदलते समीकरणों का संकेत है। रूस, तेल और टैरिफ पर मतभेद अभी पूरी तरह ख़त्म नहीं हुए हैं, लेकिन वार्ता की बहाली और दोनों नेताओं के बीच मित्रवत संदेश इस बात का सबूत हैं कि नई दिल्ली और वाशिंगटन टकराव छोड़कर आगे बढ़ने के लिए तैयार हैं। प्रधानमंत्री मोदी के 75वें जन्मदिन पर आया यह “ट्रम्प टर्न” भारत-अमेरिका रिश्तों में एक नए अध्याय की ओर इशारा करता है।

