पारदर्शिता से अर्थव्यवस्था को गति मिली: वित्त मंत्री सीतारमण
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि पारदर्शिता स्थायी विकास की आधारशिला है। उन्होंने बताया कि वर्तमान सरकार ने स्वैच्छिक अनुपालन को बढ़ावा देकर जनता का सहयोग प्राप्त किया है और अर्थव्यवस्था को गति दी है।
सीतारमण ने नई दिल्ली में वैश्विक मंच की अठारहवीं साधारण बैठक में कहा कि भारत के लिए कर संबंधी मामलों में पारदर्शिता केवल प्रशासनिक सुधार नहीं है, बल्कि यह उस मूल सिद्धांत से जुड़ी है कि आर्थिक शासन न्याय और जवाबदेही पर आधारित होना चाहिए। जब सामान्य नागरिक और संस्थाएँ अपना उचित कर अदा करती हैं और कर–चोरी को प्रभावी ढंग से रोका जाता है, तब समाज अधिक सशक्त और समानता पर आधारित बनता है।
उन्होंने कहा कि पारदर्शिता को सिर्फ अनुपालन के साधन के रूप में नहीं बल्कि स्थायी विकास और वित्तीय स्थिरता की नींव के रूप में समझना आवश्यक है। भारत का अनुभव इस विचार को और मजबूत करता है। वित्त मंत्री ने बताया कि पिछले दस वर्षों में स्वैच्छिक कर–अनुपालन में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। लोग तभी अधिक सहयोग करते हैं जब उन्हें विश्वास होता है कि व्यवस्था ईमानदारी को प्रोत्साहित करती है और कर–चोरी के विरुद्ध कठोर कार्रवाई करती है। यह केवल प्रवर्तन से नहीं बल्कि स्पष्टता, सरलता और कर–दाताओं के साथ निरंतर विश्वास–निर्माण के प्रयासों से संभव हुआ है।
उन्होंने कहा कि पारदर्शिता कर–दाताओं की नैतिकता को और मजबूत करती है। जब लोगों को भरोसा होता है कि व्यवस्था निष्पक्ष है और नियम समान रूप से लागू होते हैं, तब स्वैच्छिक अनुपालन और बढ़ता है। भविष्य की चुनौतियों पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि उनसे निपटने के लिए वैश्विक स्तर पर सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता होगी।

