चुनाव लड़ने के लिए बताना होगा कि सोशल मीडिया पर कितना एक्टिव है
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी बाजार गर्म हो चूका है राजनीतिक दलों ने उम्मीदवारों की तलाश भी शुरू कर दी हैं. वही बहुजन समाज पार्टी ने कहा ने अपने उम्मीदवारों के लिए एक शर्त लगाई है बसपा ने कहा है कि पार्टी से चुनाव लड़ने वाले इच्छुक नेताओं को सोशल मीडिया का एक्सपीरियंस भी बताना होगा. इतना ही नहीं पार्टी संस्थापक कांशीराम और मायावती के लिटरेचर को लेकर उन्होंने सोशल मीडिया में किस तरह की काम किया है यह भी बताना होगा. इसके बाद ही बसपा से उम्मीदवारी पक्की होगी.
बसपा प्रमुख मायावती ने आने वाले विधानसभा चुनाव में हाथी के सिंबल पर लड़ने वाले इच्छुक नेताओं के लिए आवेदन पत्र जारी करते हुए कहा कि सभी उम्मीदवारों को मीडिया की अपनी सक्रियता से लेकर कांशीराम के मिशन पर क्या-क्या काम है, उसका जिक्र करना होगा.
बहुजन समाज पार्टी ने उत्तर प्रदेश की सभी 403 विधानसभा क्षेत्र के प्रत्याशियों से आवेदन पत्र मांगे हैं, लेकिन खास बात ये है कि इस आवेदन पत्र के साथ एक कॉलम में सोशल मीडिया की डिटेल भी भरकर देनी है. इस कॉलम में उम्मीदवार को बताना होगा कि सोशल मीडिया अकाउंट कितना एक्टिव है. इतना ही नहीं फेसबुक, टि्वटर जैसे अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर कितने पोस्ट किए गए हैं, उसकी भी जानकारी देनी होगी.
साथ ही जो नेता बीएसपी से चुनाव लड़ना चाहता है, उन्हें अपने पॉलिटिकल एक्सपीरियंस और सियासी बैकग्राउंड के साथ-साथ बीएसपी की नीतियों और दलित मसीहा बाबा साहेब आंबेडकर की नीतियों से कितना परिचित हैं. इसकी भी जानकारी देनी होगी.
खास बात है कि इस बार बसपा ने सोशल मीडिया का कॉलम भी ऐड किया गया है, जिसमें ये पूछा गया है कि सोशल मीडिया पर जो डॉ. आंबेडकर और बहुजन समाज पार्टी की जो नीतियां है, उस पर कितना काम किया गया है और इस मिशन को लेकर सोशल मीडिया पर कितना एक्टिव रहे हैं. यह भी बताना होगा.