तिरुपति लड्डू विवाद: देवताओं को राजनीति से दूर रखें, सुप्रीम कोर्ट की आंध्र प्रदेश सरकार को फटकार
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को तिरुपति लड्डू और प्रसाद से जुड़े विवाद पर आंध्र प्रदेश सरकार को कड़ी फटकार लगाई। अदालत ने कहा कि देवताओं और धार्मिक प्रतीकों को राजनीति से दूर रखा जाना चाहिए और सरकार को ऐसे मामलों में अत्यधिक सावधानी बरतनी चाहिए।
जस्टिस बी आर गवई और के वी विश्वनाथन की बेंच ने टिप्पणी करते हुए कहा कि वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों द्वारा सार्वजनिक रूप से ऐसे बयान देना, जो जनता की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचा सकते हैं, अनुचित है। बेंच ने राज्य सरकार को स्पष्ट निर्देश दिए कि किसी निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले इस मामले की गहन जांच होनी चाहिए और इसे संवेदनशीलता के साथ निपटाया जाए।
अदालत ने सुनवाई के दौरान कहा कि आस्था के मामलों में बयानबाजी से बचना चाहिए, क्योंकि इससे करोड़ों लोगों की भावनाएं आहत हो सकती हैं। अदालत ने कहा कि तिरुपति लड्डू और प्रसाद की शुद्धता पर सवाल उठाने से पहले पूरी जांच होनी चाहिए, ताकि कोई गलत जानकारी न फैले।
इससे पहले 27 सितंबर को आंध्र प्रदेश सरकार ने तिरुपति लड्डू और प्रसाद में कथित तौर पर पशु वसा (चर्बी) मिलाए जाने की खबरों की जांच के लिए 9 सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया था। इस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह एक गंभीर मामला है और एसआईटी की जांच जारी रहेगी।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत को बताया कि यह मामला आस्था से जुड़ा है और अगर लड्डू की तैयारी में मिलावटी घी या पशु वसा का उपयोग किया गया है, तो यह न केवल कानून का उल्लंघन है, बल्कि धार्मिक आस्थाओं का भी अपमान है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को गंभीरता से लिया जाना चाहिए और जिम्मेदार लोगों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।
अदालत ने मामले की सुनवाई 3 अक्टूबर को निर्धारित की है और इस बीच, सरकार से कहा गया है कि वह इस मुद्दे पर बिना उचित जांच के किसी निष्कर्ष पर न पहुंचे। अदालत ने यह भी संकेत दिया कि जरूरत पड़ने पर मामले की जांच किसी स्वतंत्र एजेंसी से कराई जा सकती है।