निजीकरण पर टिकैत का मोदी सरकार पर हमला, पहले नीलामी होना बेइज्जती मानी जाती थी ,अब इज्जत का विषय
देश में सरकारी संस्थानों और सरकारी कंपनियों का निजीकरण चल रहा है जिसको लेकर विपक्ष कई बार सरकार को घेर चुका है। हाल ही में देश की वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा इस बात का ऐलान किया गया था कि सरकार इस समय आर्थिक तंगी से जूझ रही है। इस वजह से देश के सरकारी संस्थानों को बेचा जा सकता है।
इसी दौरान ये खबर आ रही है कि सरकारी विमानन कंपनी एयर इंडिया की बोली टाटा संस ने जीत ली है। इसका मतलब साफ है कि अब से एयर इंडिया का नया मालिक टाटा ग्रुप हो गया है।
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, मंत्रियों के एक पैनल ने एयरलाइन के अधिग्रहण के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है। जल्द ही एयर इंडिया को टाटा ग्रुप द्वारा खरीदे जाने की अधिकारिक घोषणा भी कर दी जाएगी।
सरकारी संस्थानों और सरकारी कंपनियों के चल रहे निजीकरण पर भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है।
राकेश टिकैत ने टाटा ग्रुप द्वारा एयर इंडिया को खरीदे जाने की खबर शेयर करते हुए ट्वीट किया कि “हम तो पहले से ही कह रहे हैं कि देश मे इंडिया फ़ॉर सेल का बोर्ड लगा हुआ है। पहले नीलामी होना बेइज्जती मानी जाती थी ,अब इज्जत का विषय है। आज देश की एयरलाइंस एयर इंडिया भी नीलाम हो गई।”
हम तो पहले से ही कह रहे हैं कि देश मे इंडिया फ़ॉर सेल का बोर्ड लगा हुआ है। पहले नीलामी होना बेइज्जती मानी जाती थी ,अब इज्जत का विषय है।
आज देश की एयरलाइंस एयर इंडिया भी नीलम हो गई।#DeMonetisation @PTI_News @ANI pic.twitter.com/PjCHtRiKbF— Rakesh Tikait (@RakeshTikaitBKU) October 1, 2021
बता दें कि एयर इंडिया के लिए बोली लगाने की आखिरी तारीख 15 सितंबर थी। इस एयरलाइन के लिए लगाई गई बोली टाटा ग्रुप ने जीत ली है। दरअसल पिछले कुछ सालों से एयर इंडिया को क़र्ज़ में डूबा हुआ बताया जा रहा था और मार्च 2021 को खत्म हुई तिमाही में कंपनी पर लगभग 10000 करोड रुपए के घाटे में जाने की आशंका जताई गई थी अब एयर इंडिया को खरीद चुके टाटा ग्रुप को लगभग 23000 करोड रुपए चुकाने पड़ेंगे।
आपकी बता दें कि एयर इंडिया को बेचने की तैयारी मोदी सरकार द्वारा साल 2020 में ही शुरू कर दी गई थी। लेकिन कोरोना महामारी के चलते इसमें देर हुई है।