आज़म ख़ान की रिहाई से पहले सीतापुर जेल के बाहर सुरक्षा के कड़े इंतजाम
समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री आज़म ख़ान की रिहाई का इंतज़ार अब लगभग खत्म होने वाला है। करीब 23 महीने से सीतापुर जेल में बंद आज़म ख़ान को मंगलवार को रिहा किया जाएगा। उनकी रिहाई से पहले प्रशासन ने जेल के बाहर सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम किए हैं। सीतापुर शहर में धारा 144 लागू कर दी गई है और पुलिस लाउडस्पीकर से लोगों को सूचित कर रही है। जेल परिसर और आसपास के इलाकों में किसी भी प्रकार की भीड़ जुटाने की अनुमति नहीं है, साथ ही ड्रोन के जरिए आने-जाने वालों की निगरानी की जा रही है।
रामपुर कोर्ट में आज़म ख़ान से जुड़े मामले में 3-3 हज़ार रुपये के दो जुर्माने जमा कर दिए गए हैं और इसके बाद सीतापुर जेल को आधिकारिक मेल भेजा गया। जिला कारागार को मेल मिलने के बाद कुछ ही देर में उनकी रिहाई की प्रक्रिया शुरू होगी। हालांकि, बेल बॉन्ड में पते की ग़लती पाए जाने के कारण यह प्रक्रिया थोड़ी देर के लिए अटक गई थी। जेल प्रशासन ने स्पष्ट किया कि किसी भी कैदी की रिहाई के लिए बेल बॉन्ड में पूरा और सही पता दर्ज होना अनिवार्य है। त्रुटि पाए जाने पर दस्तावेज़ों को दोबारा दुरुस्त कराया गया, जिसके बाद रिहाई की राह साफ हो गई।
इस बीच, सपा सांसद रुचि वीरा सीतापुर जेल पहुंचीं और उन्होंने कहा कि आज़म ख़ान जैसे बड़े नेता को हर पार्टी अपने साथ चाहती है। बीएसपी में शामिल होने की अटकलों पर उन्होंने टिप्पणी की कि भविष्य की रणनीति जेल से बाहर आने के बाद ही तय होगी। वहीं अखिलेश यादव और आज़म के बीच दूरी को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि, अखिलेश यादव और शिवपाल सहित तमाम बड़े नेता पहले ही मुलाकात कर चुके हैं।
सीओ सिटी विनायक भोसले ने बताया कि सीतापुर की सड़कें संकरी हैं और नवरात्रि के चलते पहले से भीड़भाड़ है। ऐसे में बिना वजह किसी को रुकने की अनुमति नहीं दी जाएगी। जेल रोड पर समर्थकों की भारी भीड़ और जाम की स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने गाड़ियां हटवाईं और कई वाहनों का चालान भी किया। लगातार कानूनी दांव-पेंचों और प्रक्रियागत देरी के कारण आज़म ख़ान अब तक जेल से बाहर नहीं आ पाए थे। इलाहाबाद हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद उनकी रिहाई तय हो चुकी है और अब वह लगभग दो साल बाद आज़ादी की सांस ले पाएंगे।

