Site icon ISCPress

मेरी या सिद्धारमैया की कोई गुटबाज़ी नहीं है: डी.के. शिवकुमार

मेरी या सिद्धारमैया की कोई गुटबाज़ी नहीं है: डी.के. शिवकुमार

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को नाश्ते की बैठक के लिए कब बुलाया जाएगा, इस सवाल पर प्रतिक्रिया देते हुए कर्नाटक के डिप्टी सीएम और राज्य कांग्रेस अध्यक्ष डी.के. शिवकुमार ने स्पष्ट किया कि, यह मामला उनके और मुख्यमंत्री के बीच है। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि वे और सिद्धारमैया भाईयों की तरह मिलकर काम कर रहे हैं और मेरी या सिद्धारमैया की कोई गुटबंदी नहीं है।

विधानसभा में मीडिया से बात करते हुए शिवकुमार ने कहा कि नाश्ते की बैठक मेरे और मुख्यमंत्री के बीच का मामला है। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और मैं भाईयों की तरह काम कर रहे हैं। हम तो केवल मीडिया के दबाव के कारण इस बैठक में शामिल हुए। आप लोग बार-बार कह रहे थे कि पार्टी में गुटबंदी है।

उन्होंने आगे कहा कि मीडिया यह प्रचार कर रहा है कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, डिप्टी सीएम शिवकुमार और अन्य नेताओं के अलग-अलग गुट हैं। हालांकि ऐसा कुछ नहीं है। मुख्यमंत्री के आवास पर हुई नाश्ते की बैठक केवल हमारे बीच थी। शिवकुमार ने दावा किया कि, सभी 140 विधायक मेरे साथ हैं। हम अकेले पैदा होते हैं और अकेले ही दुनिया से जाते हैं, लेकिन पार्टी के मामले में मैं सभी को साथ लेकर चलता हूँ। इसलिए मीडिया को इस बारे में चिंता करने की आवश्यकता नहीं है।

वहीं, दिल्ली में बीजेपी विधायक और विधानसभा में विपक्ष के नेता अरविंद बेलाद ने कहा कि राज्य को कोई लाभ नहीं होगा, चाहे मुख्यमंत्री कोई भी बने। उन्होंने आरोप लगाया कि, राज्य में प्रशासन असफल हो चुका है और भ्रष्टाचार चरम पर है। उन्होंने दावा किया कि यह उनका पार्टी का आंतरिक मामला है, लेकिन मुख्यमंत्री का बदलाव निश्चित है।

बेलाद ने यह भी कहा कि सिद्धारमैया, डी.के. शिवकुमार, गृहमंत्री जी. परमेश्वर और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन  खड़गे के बीच कड़ा मुकाबला है। उन्होंने आरोप लगाया कि सिद्धारमैया खुद को अहिंदा (अल्पसंख्यक, पिछड़े वर्ग और दलित) का नेता बताते हैं, लेकिन कोई भी समुदाय उन्हें अपना नेता नहीं मानता। अगर वे खुद को कौरबा समुदाय का मुख्यमंत्री कहें तो हम मान लेंगे, क्योंकि वे उसी समुदाय से हैं।

Exit mobile version