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पिछ्ले 10 साल में ‘जॉबलॉस ग्रोथ’ हुई, प्रधानमंत्री बेरोजगारी दूर करने में विफल रहे: कांग्रेस

पिछ्ले 10 साल में ‘जॉबलॉस ग्रोथ’ हुई, प्रधानमंत्री बेरोजगारी दूर करने में विफल रहे: कांग्रेस

कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के तीसरे कार्यकाल के 100 दिन पूरा होने पर मंगलवार को सरकार पर बेरोजगारी का संकट पैदा करने का आरोप लगाया और दावा किया कि पिछले 10 वर्षों में रोजग़ार को ख.त्म करने वाला विकास (जॉबलॉस ग्रोथ) हुआ है। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि प्रधानमंत्री और उनकी सरकार बेरोजगारी की समस्या को न सिर्फ दूर करने में विफल रहे, बल्कि इस चुनौती को स्वीकार तक नहीं कर रहे हैं।

कांग्रेस ने बेरोजगारी की स्थिति को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि तथ्यों को कितना भी तोड मरोड़ कर पेश किया जाए लेकिन इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि वर्ष 2014-24 के बीच नौकरियों को ख़त्म करने वाला विकास (जॉबलॉस ग्रोथ) हुआ है।

जयराम रमेश ने एक बयान में कहा, “इस लड़खड़ाती सरकार ने पिछले कुछ महीनों में कई यू-टर्न लिए हैं और इसके कई घोटाले सामने आए हैं। लगातार फैल रही नकारात्मकता के बीच, ख़ुद को सांत्वना देने के लिए प्रधानमंत्री और उनके लिए ढोल पीटने वालों ने 2021 और 2024 के बीच आठ करोड़ रोज़गार के अवसर पैदा करने का दावा किया है।” उनके मुताबिक, यह दावा शुरुआत में रिजर्व बैंक केएलईएमएस (पूंजी, श्रम, ऊर्जा, सामग्री और सेवाएँ) डेटा के माध्यम से किया गया, जिसका कांग्रेस तथ्यों के आधार पर पहले ही गत 15 जुलाई को खंडन कर चुकी है।

उनका कहना था, ”तुगलकी नोटबंदी के कारण रोजग़ार सृजन करने वाले एमएसएमई के ख.त्म होने, ज.ल्दबाज़ी में लागू जीएसटी, बिना तैयारी के लगाए गए कोविड-19 लॉकडाउन और चीन से बढ़ते आयात के कारण बेरोजग़ारी ने निश्चित रूप से भयावह रूप धारण कर लिया है। भारत की बेरोजग़ारी दर आज 45 वर्षों में सबसे अधिक है, स्नातक युवाओं के बीच बेरोजग़ारी दर 42 प्रतिशत है।

रमेश ने कहा, ”इसे साबित करने के लिए डेटा भरे पड़े हैं। रोजग़ार के पर्याप्त अवसर पैदा करने में विफलता दिख रही है। हर साल लगभग 70-80 लाख युवा श्रम बल में शामिल होते हैं, लेकिन 2012 और 2019 के बीच, रोजग़ार में वृद्धि लगभग न के बराबर हुई, यह केवल 0.01 प्रतिशत है। उनके अनुसार, एक रिपोर्ट से यह भी पता चलता है कि 2022 में शहरी युवाओं (17.2 प्रतिशत) के साथ-साथ ग्रामीण युवाओं (10.6 प्रतिशत) के बीच भी बेरोजग़ारी दर बहुत अधिक थी। शहरी क्षेत्रों में महिला बेरोजग़ारी दर 21.6 प्रतिशत के साथ काफी ज़्यादा थी।

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