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बिहार चुनाव के बीच जिस तरह पैसा बांटा गया, वह ठीक नहीं था: जन सुराज पार्टी

बिहार चुनाव के बीच जिस तरह पैसा बांटा गया, वह ठीक नहीं था: जन सुराज पार्टी

बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे शुक्रवार (14 नवंबर) को सामने आए, जिनमें एनडीए ने 202 सीटें जीतकर एकतरफा बहुमत हासिल कर लिया। इसके विपरीत महागठबंधन को सिर्फ 35 सीटों पर जीत मिली। प्रशांत किशोर की पार्टी जनसुराज, जिसने राज्य की सभी सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे, एक भी सीट नहीं जीत सकी, जिससे पार्टी की राजनीतिक रणनीति और जनस्वीकृति पर सवाल उठने लगे हैं।

चुनाव परिणाम आने के बाद जनसुराज के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय सिंह ने हार पर प्रतिक्रिया दी और सीधे तौर पर एनडीए पर चुनाव के दौरान पैसे बांटने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि इसमें घबराने की कोई वजह नहीं है, क्योंकि राजनीतिक इतिहास ऐसे कई उदाहरणों से भरा पड़ा है जहां नई पार्टियों को शुरुआती चुनावों में संघर्ष करना पड़ा। उदय सिंह के अनुसार, उनका वोट बैंक “सोच-समझकर” एनडीए की ओर चला गया, जिससे पार्टी को अपेक्षित नतीजे नहीं मिले।

उदय सिंह ने अपनी हार के दो प्रमुख कारण बताए। पहला, उनके अनुसार चुनाव के बीच “काफी मात्रा में पैसे का वितरण” हुआ, जिसने माहौल को प्रभावित किया। दूसरा, आरजेडी के सत्ता में आ जाने के डर ने जनसुराज के समर्थकों को एनडीए के पक्ष में वोट करने पर मजबूर कर दिया, जिसकी वजह से जनसुराज का आधार कमजोर पड़ा।

मुस्लिम वोटरों के समर्थन से जुड़े सवाल पर उन्होंने स्वीकार किया कि इस चुनाव में मुस्लिम समुदाय उस स्तर पर जनसुराज के साथ नहीं जुड़ा, जिसकी उम्मीद पार्टी को थी। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी लगातार काम करती रहेगी और भविष्य में बेहतर जुड़ाव की संभावना बनी हुई है।

एनडीए नेताओं सम्राट चौधरी और मंगल पांडे की जीत पर उदय सिंह ने कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि “जीत जाने से कोई भी व्यक्ति अपराध और भ्रष्टाचार से स्वतः मुक्त नहीं हो जाता।” उनका कहना था कि जनसुराज का असली मुद्दा सत्ता में कौन आया या कौन हारा, यह नहीं है, बल्कि अपराध और भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष है, जिसे पार्टी आगे भी जारी रखेगी।

अंत में उदय सिंह ने दोहराया कि जनसुराज एक मुद्दा-आधारित आंदोलन है और चुनावी हार से उसके मूल सिद्धांत प्रभावित नहीं होंगे। उन्होंने दावा किया कि पार्टी बिहार में स्वच्छ राजनीति, शिक्षा सुधार और पारदर्शी शासन जैसे सवालों पर पहले की तरह दृढ़ता से काम करती रहेगी।

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