इज़रायल द्वारा युद्ध-विराम समझौते के उल्लंघन तक, दूसरा चरण लागू नहीं हो सकता: हमास
फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध आंदोलन हमास के एक वरिष्ठ अधिकारी ने चेतावनी दी है कि जब तक इज़रायल युद्ध-विराम समझौते का पालन नहीं करता, तब तक अमेरिका द्वारा प्रस्तुत की गई ग़ाज़ा शांति योजना का दूसरा चरण लागू नहीं हो सकेगा। यह चेतावनी मंगलवार की रात हमास पोलित ब्यूरो के प्रमुख सदस्यों में से एक हुसाम बदरान ने फ्रांस प्रेस को दिए गए एक विशेष साक्षात्कार में दी।
बदरान ने कहा कि, युद्ध-विराम संबंधी समझौते में दोनों पक्षों पर कुछ निश्चित जिम्मेदारियाँ तय की गई थीं। इन समझौतों के अनुसार, इज़रायल को मिस्र की सीमा पर स्थित रफ़ाह क्रॉसिंग को खोलना था ताकि ग़ाज़ा पट्टी में फँसे लोगों को बाहर निकलने और मानवीय सहायता के प्रवेश का रास्ता मिल सके।
इसके अलावा, इज़रायल को ग़ाज़ा के नागरिकों तक पहुँचने वाली मानवीय सहायता सामग्री में वृद्धि करनी थी, जिसमें खाद्य पदार्थ, दवाइयाँ और अन्य ज़रूरी सामान शामिल थे। लेकिन बदरान के अनुसार, इज़रायल ने इन दायित्वों को पूरा नहीं किया और लगातार ऐसी गतिविधियाँ जारी रखीं जिन्हें युद्ध-विराम का उल्लंघन माना जा रहा है।
बदरान ने बताया कि हमास ने पहले भी अंतरराष्ट्रीय समुदाय, विशेषकर मध्यस्थ देशों और क्षेत्रीय शक्तियों से यह आग्रह किया है कि वे इज़रायल पर दबाव डालें ताकि वह युद्ध-विराम की शर्तों का पूर्ण रूप से सम्मान करे। उनका कहना था कि, यदि इज़रायल अपनी वर्तमान नीति पर कायम रहा, तो अमेरिका की शांति योजना का दूसरा चरण शुरू करना संभव ही नहीं होगा, क्योंकि उसके लिए आवश्यक आधारभूत परिस्थितियाँ मौजूद नहीं होंगी।
हमास का यह बयान उस समय आया है जब ग़ाज़ा पट्टी की मानवीय स्थिति पहले से ही बेहद नाजुक बनी हुई है। लगातार बंदिशों और सहायता न पहुँचने से स्थानीय आबादी गंभीर संकट का सामना कर रही है। बदरान के अनुसार, शांति प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए सबसे पहले युद्ध-विराम की मौजूदा शर्तों का ईमानदारी से पालन आवश्यक है।

