ग़रीब और मध्यम वर्ग ने जोखिम उठाना शुरू किया है: पीएम मोदी

ग़रीब और मध्यम वर्ग ने जोखिम उठाना शुरू किया है: पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने बेहतर आर्थिक नीतियों और सुशासन के बल पर जनता का आत्मविश्वास बढ़ाया है और गरीब व मध्यम वर्ग के बीच जोखिम उठाने की संस्कृति को पुनर्जीवित किया है।

हिंदुस्तान टाइम्स के 100 साल पूरे होने के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि उनकी सरकार ने विकास के माध्यम से निवेश और सम्मान के माध्यम से रोजगार का जो मंत्र दिया है, उसने जनता की ज़िंदगी को आसान बनाया है। इससे लोगों में सम्मान और आत्मविश्वास का भाव पैदा हुआ है, जिसने देश और समाज के विकास को प्रेरित किया है। प्रधानमंत्री ने कहा, “जो लोग लंबे समय से भारत की राजनीति और नीतियों का अवलोकन करते आ रहे हैं, वे पहले अक्सर एक वाक्य सुनते थे: ‘अच्छी अर्थव्यवस्था बुरी राजनीति है।’

इसे विशेषज्ञ कहे जाने वाले लोग प्रचारित करते थे। इससे पिछली सरकारों को निष्क्रिय रहने का बहाना मिल जाता था। यह एक तरह से खराब शासन और अक्षमता को छिपाने का माध्यम बन गया था। पहले सरकार केवल अगले चुनाव जीतने के लिए चलाई जाती थी। चुनाव जीतने के लिए वोट बैंक तैयार किया जाता था और फिर उस वोट बैंक को खुश करने की योजनाएँ बनाई जाती थीं।”

उन्होंने कहा, “इस प्रकार की राजनीति का सबसे बड़ा नुकसान यह हुआ कि देश में असमानता बढ़ी। कहा गया कि विकास का बोर्ड लगा है, लेकिन वह दिखाई नहीं दिया। असमान राज्यों और इस मॉडल ने सरकारों से जनता का विश्वास तोड़ दिया। लेकिन हम आज उस विश्वास को वापस लेकर आए हैं।

हमने सरकार का उद्देश्य तय किया है, जो वोट बैंक की राजनीति से कोसों दूर है। हमारी सरकार का लक्ष्य व्यापक और समावेशी है। हम जनता के विकास के मंत्र के साथ आगे बढ़ रहे हैं। हमारा लक्ष्य एक नया भारत बनाना है, भारत को विकसित बनाना है।” प्रधानमंत्री ने आगे कहा, “जब जनता का विश्वास बढ़ता है तो देश के विकास पर अलग प्रभाव दिखता है। प्राचीन सभ्यताओं से लेकर आज के विकसित देशों तक, एक चीज़ हमेशा समान रही है: जोखिम उठाने की संस्कृति।

एक समय था जब हमारा देश व्यापार और संस्कृति का केंद्र था। हमारे व्यापारी और नाविक दक्षिण-पूर्व एशिया से लेकर अरब, अफ्रीका और रोमन साम्राज्य तक गहरे संबंध रखते थे। उस समय जनता ने जोखिम उठाया, जिसकी वजह से भारत के उत्पाद और सेवाएँ समुद्र पार तक पहुँच सकीं। आज़ादी के बाद हमें इस जोखिम उठाने की संस्कृति को और आगे बढ़ाना था।” प्रधानमंत्री ने कहा, “सोशल मीडिया के इस दौर में हर तरफ भ्रामक प्रचार फैला हुआ है, लेकिन भारत के लोगों ने अपने आत्मविश्वास का निवेश हमारी सरकार में किया है। जब जनता का विश्वास बढ़ता है तो देश की प्रगति पर एक अलग प्रभाव पड़ता है।”

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