देश की जनता ने नफरत की राजनीति को नकार दिया है: कमलनाथ
लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में मध्य प्रदेश में 6 लोकसभा सीटों पर वोटिंग हुई। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक शाम 6 बजे तक प्रदेश में सिर्फ 58.35% मतदान हुआ है। ये आंकड़ा पहले फेज से कम है। सबसे अधिक मतदान होशंगाबाद सीट पर हुआ, वहीं सबसे कम वोटिंग रीवा लोकसभा सीट पर हुई है। प्रदेश में कम मतदान पर जहां बीजेपी नेताओं के माथे पर चिंता की लकीरें गहरा रहीं हैं वहीं कम वोटिंग के कारण कांग्रेस नेताओं के चेहरे कुछ खिल से उठे हैं।
कांग्रेसियों का कहना है कि वोटिंग का यह ट्रेंड पार्टी के पक्ष में है। पीसीसी चीफ जीतू पटवारी, पूर्व अध्यक्ष, पूर्व सीएम व पूर्व केंद्रीय मंत्री कमलनाथ तथा पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव तो केंद्र में कांग्रेस सरकार लौटने का दावा करने लगे है। कम वोटिंग के बाद पूर्व सीएम कमलनाथ कॉन्फीडेंस में आ गए हैं।
कांग्रेस नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने एक्स कर लिखा- लोकसभा चुनाव के पहले और दूसरे चरण के मतदान के बाद स्पष्ट हो गया है कि देश की जनता ने नफरत की राजनीति को नकार दिया है। मध्यप्रदेश की 6 सीटों समेत पूरे देश की 88 सीटों पर कांग्रेस बेहद मजबूत स्थिति में है। जनता ने कांग्रेस के पांच न्याय का समर्थन कर देश में परिवर्तन के लिए मतदान किया है। कांग्रेस और इसके घटक दलों के समर्थन में मतदान करने के लिए देश/मध्य प्रदेश के मतदाताओं का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं।
कुछ राजनीतिक जानकारों का मानना है कि कम वोटिंग से कांग्रेस को कुछ सीट पर लाभ होता दिख रहा है। रीवा में सबसे कम वोटिंग हुई है। यहां भाजपा के जनार्दन मिश्रा और कांग्रेस की नीलम मिश्रा के बीच मुकाबला है। वहीं होशंगाबाद सीट पर भाजपा के दर्शन सिंह चौधरी और कांग्रेस के संजय शर्मा के बीच मुकाबला है। दोनों ही जगहों पर भाजपा के ही सिटिंग MLA हैं। वोंटग प्रतिशत घटना, रूलिंग पार्टी के लिए नेगेटिव इशारा है, ऐसे में कम वोटिंग बीजेपी के लिए टेंशन का संकेत हो सकती है।