ISCPress

‘‘बंटेंगे तो कटेंगे’’ जैसे नारों से महाराष्ट्र की जनता भड़काया नहीं जा सकता: राज बब्बर

‘‘बंटेंगे तो कटेंगे’’ जैसे नारों से महाराष्ट्र की जनता भड़काया नहीं जा सकता: राज बब्बर

कांग्रेस नेता राज बब्बर ने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ के बयान पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। राज बब्बर ने कहा, ‘मेरी जन्मभूमि उत्तर प्रदेश है और मेरे जीवन का दो-तिहाई हिस्सा महाराष्ट्र में बीता है। मैं उस संस्कृति के साथ नहीं हूं जो अपनी जमीन ही बांट रहे हैं और काट रहे हैं। हम जानते हैं कि उत्तर प्रदेश की संस्कृति क्या है और महाराष्ट्र की परंपरा क्या है।’

राज बब्बर ने शनिवार को कहा कि महाराष्ट्र के लोगों को ‘‘वोट जिहाद’’ और ‘‘बंटेंगे तो कटेंगे’’ जैसे नारों से उकसाया या भड़काया नहीं जा सकता। पूर्व सांसद बब्बर ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘‘एक हैं तो सेफ हैं’’ का नारा इसलिए दिया क्योंकि हो सकता है कि उन्हें समझ आ गया है कि महाराष्ट्र के लोगों को कोई भी बांट नहीं सकता।

बब्बर ने कहा, ‘‘महाराष्ट्र के लोग हमेशा एक रहे हैं। उन्हें ‘‘वोट जिहाद’’ और ‘‘बंटेंगे तो कटेंगे’’ जैसे नारों से उकसाया या भड़काया नहीं जा सकता। जब देश का कोई नागरिक आजीविका की तलाश में मुंबई आता है तो कोई उससे उसकी जाति और धर्म के बारे में नहीं पूछता।’’ उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश ने लोकसभा में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सीट कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी।

राज बब्बर ने कहा, ‘मैं यूपी से आया हूं और यूपी की वो मानसिकता और सोच लेकर आया हूं जिसने शिवाजी महाराज, संभाजी को तिलक किया। मैं उस संस्कृति से यहां आया हूं। मैं उस संस्कृति से नहीं हूं जो अपनी जमीन को बांट रहा है और काट रहा है।’

राज बब्बर ने कहा, ‘मैं मथुरा के पास का रहने वाला हूं। आगरा में मेरा जन्म लिया। शिवाजी महाराज के लिए मथुरा और बनारस वो जगह है, जहां पर शंभाजी को तिलक करने के लिए यहां पर लाया गया। जो लोग उस समय महापंडित थे, उन्होंने उनको तिलक किया। हम जानते हैं कि यूपी की संस्कृति क्या है और महाराष्ट्र की परंपरा क्या है।’

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इन दिनों अपने एक नारे की वजह से चर्चा के केंद्र में आ गए हैं। हरियाणा में हुए विधानसभा चुनावों के दौरान उन्होंने ‘बंटोगे तो कटोगे’ का नारा दिया था और अब झारखंड के साथ-साथ महाराष्ट्र में भी इस नारे की गूंज खूब सुनाई दे रही है।

Exit mobile version