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विपक्ष ने डिप्टी स्पीकर पद पर अपनी दावेदारी पेश की

विपक्ष ने डिप्टी स्पीकर पद पर अपनी दावेदारी पेश की

नई दिल्ली: विपक्षी दलों ने भारतीय संसद में डिप्टी स्पीकर पद के लिए जोरदार मांग की है। उन्होंने आरोप लगाया कि वर्तमान सरकार विपक्षी दलों को संसदीय प्रक्रियाओं में उचित प्रतिनिधित्व नहीं दे रही है। विपक्षी दलों ने एकजुट होकर यह मांग की है कि डिप्टी स्पीकर पद को विपक्ष को सौंपा जाए। प्रमुख विपक्षी नेताओं ने एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस मुद्दे को उठाया और कहा कि यह संसदीय परंपरा और लोकतांत्रिक मान्यताओं के अनुरूप है। कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, और समाजवादी पार्टी समेत अन्य विपक्षी दलों ने इस मांग का समर्थन किया है।

विपक्षी नेताओं ने सरकार पर आरोप लगाया है कि वह संसद में विपक्ष की आवाज को दबाने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि डिप्टी स्पीकर पद विपक्ष को दिया जाना चाहिए ताकि संसदीय कार्यवाही निष्पक्ष और संतुलित रह सके। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा, “यह पद विपक्ष को मिलने से संसदीय लोकतंत्र मजबूत होगा और सरकार के कामकाज पर उचित नजर रखी जा सकेगी।”

संसदीय परंपरा का पालन
तृणमूल कांग्रेस की नेता ममता बनर्जी ने कहा कि भारत की संसदीय परंपरा में यह नियम है कि डिप्टी स्पीकर पद विपक्ष को दिया जाए। उन्होंने कहा, “हम केवल संसदीय परंपराओं का पालन करने की मांग कर रहे हैं। सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि संसद में सभी दलों की आवाज सुनी जाए।” सरकार ने विपक्षी दलों की इस मांग पर कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। हालांकि, बीजेपी के कुछ नेताओं ने कहा है कि इस मुद्दे पर चर्चा की जा सकती है। उन्होंने कहा कि सरकार संसदीय परंपराओं का सम्मान करती है और इस मामले पर सभी संबंधित दलों के साथ बातचीत के लिए तैयार है।

विपक्षी दलों की इस मांग से संसद के आगामी सत्र में तीखी बहस होने की संभावना है। अगर सरकार और विपक्ष के बीच इस मुद्दे पर सहमति नहीं बनती है, तो यह संसदीय कार्यवाही को प्रभावित कर सकता है। विपक्षी दलों ने संकेत दिया है कि वे इस मांग को लेकर संसद में जोरदार तरीके से अपनी आवाज उठाएंगे। इस प्रकार, डिप्टी स्पीकर पद की मांग को लेकर विपक्ष और सरकार के बीच तनाव बढ़ने की संभावना है। यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार इस मुद्दे को कैसे संभालती है और क्या विपक्ष अपनी मांग पर अडिग रहता है।

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