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सरकार नौजवानों को रोज़गार देने के लिए प्रतिबद्ध: सीएम योगी

सरकार नौजवानों को रोज़गार देने के लिए प्रतिबद्ध: सीएम योगी

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को कहा कि भाजपा सरकार युवाओं को रोजगार और स्वरोजगार के अवसर देने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। ‘विश्व युवा कौशल दिवस’ के अवसर पर इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित दो दिवसीय कौशल मेला और प्रदर्शनी का उद्घाटन करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रशिक्षित युवा आत्मनिर्भर भारत की असली ताकत हैं, और राज्य सरकार उन्हें अवसर देने के लिए लगातार काम कर रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश की 25 करोड़ आबादी में से 56 से 60 प्रतिशत हिस्सा श्रमिक वर्ग से जुड़ा है और सरकार उनकी क्षमताओं के अनुसार रोजगार देने के लिए प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष का विषय ‘एआई और डिजिटल स्किल्स के ज़रिए युवाओं को सशक्त बनाना’ उत्तर प्रदेश के लिए विशेष रूप से प्रासंगिक है क्योंकि इससे राज्य की युवा शक्ति को नई दिशा मिल रही है।

सीएम योगी ने कहा कि, पिछले आठ वर्षों में राज्य सरकार ने पारंपरिक उद्योगों को पुनर्जीवित किया है। उन्होंने बताया कि स्किल को स्केल में बदलने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। 2 करोड़ युवाओं को डिजिटल रूप से सक्षम बनाने के लिए स्मार्टफोन और टैबलेट दिए जा रहे हैं, जिनमें से 50 लाख युवा अब तक लाभान्वित हो चुके हैं।

इसके अलावा टाटा टेक्नोलॉजी की मदद से 150 सरकारी आईटीआई को अत्याधुनिक तकनीक से जोड़ा गया है ताकि उद्योगों और बाजार की मांग के अनुसार प्रशिक्षण दिया जा सके। राज्य में लगभग 400 सरकारी और 3000 निजी आईटीआई संचालित हो रहे हैं, जहां न्यूनतम शुल्क में प्रशिक्षण दिया जाता है। निजी आईटीआई में पढ़ने वाले छात्रों को सरकार छात्रवृत्ति और अन्य सुविधाएं भी दे रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा उद्देश्य है कि हर युवा को उसकी रुचि और क्षमता के अनुसार प्रशिक्षण और रोजगार मिले। पिछले आठ वर्षों में कानून-व्यवस्था में सुधार और सरकार की सकारात्मक नीयत के चलते 15 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव धरातल पर उतारे गए हैं, जिससे लाखों युवाओं को रोजगार मिला है। उन्होंने यह भी कहा कि उद्योग और शिक्षण संस्थानों के बीच समन्वय ज़रूरी है ताकि प्रशिक्षण कार्यक्रम उद्योगों की मांग के अनुसार बनाए जा सकें।

‘सीएम युवा’ योजना का उल्लेख करते हुए उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत स्किल डेवलपमेंट, आईटीआई, पॉलिटेक्निक या डिग्री प्राप्त युवाओं को 5 लाख रुपये तक का ब्याजमुक्त ऋण दिया जा रहा है। 24 जनवरी को शुरू हुई इस योजना से अब तक 50 हज़ार से अधिक युवा लाभ ले चुके हैं। योजना में युवाओं को सिर्फ मूलधन चुकाना होगा, ब्याज सरकार देगी। बाद में 7.5 लाख रुपये तक का अतिरिक्त ऋण भी मिलेगा।

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि ‘एक ज़िला एक उत्पाद’ (ODOP) और ‘मुख्यमंत्री विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना’ जैसी योजनाओं के ज़रिए पारंपरिक व्यवसायों को पुनर्जीवित किया गया है। ODOP के तहत 1.5 करोड़ से अधिक लोगों को रोजगार मिला है, जबकि 1 लाख से अधिक कारीगरों और शिल्पकारों को प्रशिक्षण और टूलकिट दी गई हैं। इन योजनाओं ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त किया है।

मुख्यमंत्री ने उन युवाओं की प्रेरक कहानियां भी साझा कीं जिन्हें इस कार्यक्रम में सम्मानित किया गया था। उन्होंने बताया कि ये युवा पहले बेबस थे लेकिन कौशल प्रशिक्षण ने उन्हें नई दिशा दी और आज वे 25,000 से 1 लाख रुपये मासिक कमा रहे हैं। उन्होंने युवाओं से निराश न होने की अपील की और कहा कि सही प्रशिक्षण और मेहनत से सफलता पाई जा सकती है।

उन्होंने कहा कि अब एक नई पहल के तहत उद्योगों से जुड़ने वाले युवा अपने प्रोजेक्ट कार्य उद्योग के भीतर ही करेंगे, और सरकार उन्हें पीएम/सीएम इंटर्नशिप योजना के तहत एक साल तक 5000 रुपये प्रति माह देगी। एक साल बाद उन्हें या तो उसी उद्योग में नौकरी मिल सकती है या फिर उनके पास इतना अनुभव होगा कि वे कहीं और भी नौकरी हासिल कर सकें।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का हवाला देते हुए योगी ने कहा कि यह नीति युवाओं को एक साथ डिग्री और कौशल प्राप्त करने की सुविधा देती है। इसके अंतर्गत माध्यमिक शिक्षा विभाग और आईटीआई मिलकर स्कूलों में व्यावसायिक शिक्षा दे रहे हैं जिससे छात्रों को दोहरी डिग्री या सर्टिफिकेट कोर्स का अवसर मिलेगा। उन्होंने ड्रोन, रोबोटिक्स, एआई और 3डी प्रिंटिंग जैसे आधुनिक क्षेत्रों और प्लंबर, इलेक्ट्रीशियन व एसी मैकेनिक जैसे पारंपरिक व्यवसायों में भी बढ़ती मांग की बात कही।

इस अवसर पर कौशल विकास मंत्री कपिल देव अग्रवाल, एमएसएमई मंत्री राकेश सचान, कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, श्रम राज्य मंत्री मनु कोरी, मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह समेत अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

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