देश को भ्रष्टाचार, परिवारवाद और तुष्टिकरण से लड़ना होगा : पीएम
77वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले से देश की जनता को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ”हमने तय किया है, जिसकी चर्चा हमारे देश में 25 साल से हो रही थी, कि देश में नए संसद भवन का निर्माण किया जाए। यह मोदी ही हैं जिन्होंने समय से पहले नई संसद बनाकर दिखा दिया। यह काम करने वाली सरकार है, यह लक्ष्य हासिल करने वाली सरकार है, यह नया भारत है, यह आत्मविश्वास से भरा भारत है, यह संकल्पों को साकार करने वाला भारत है।
उन्होंने कहा कि ये भारत रुकता नहीं, ये भारत थकता नहीं, ये भारत हांफता नहीं, ये भारत हारता नहीं। आर्थिक शक्ति भरपूर है, हमारी सामरिक शक्ति नवीनीकृत हुई है, हमारी सीमाएँ पहले से कहीं अधिक सुरक्षित हैं। प्रधानमंत्री मोदी अपने स्वतंत्रता दिवस संबोधन में देशवासियों कहने की जगह परिवारवादियों शब्द का इस्तेमाल किया और देश के लोगों से आशीर्वाद मांगा।
उन्होंने कहा कि देश को तीन बुराइयों से लड़ना होगा, ये हैं- भ्रष्टाचार, परिवारवाद और तुष्टिकरण। पीएम मोदी ने विस्तार से इनके बारे में बोला और किसी पार्टी और नेता का नाम लिए बिना कहा कि परिवारवादी राजनीति इस देश को खोखला कर रही है। यही लोग भ्रष्टाचार कर रहे हैं और तुष्टिकरण कर रहे हैं। तुष्टिकरण ने सामाजिक न्याय की लड़ाई को कमजोर कर दिया है।
प्रधानमंत्री का भाषण पूरी तरह विपक्ष पर हमला था लेकिन किसी पार्टी का जिक्र नहीं किया। प्रधानमंत्री के भाषण में कहीं न कहीं 2024 के लिए लोगों से समर्थन मांगने का अप्रत्यक्ष इशारा था। प्रधानमंत्री ने जिस तुष्टिकरण की बात कही, उसके बारे में यह साफ नहीं किया कि आखिर कौन सी पार्टी किसका तुष्टिकरण कर रही है। आमतौर पर तुष्टिकरण अल्पसंख्यकों के संबंध में इस्तेमाल होता है।
प्रधानमंत्री ने अपने भाषण की शुरुआत में ही मणिपुर का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि पूरा देश मणिपुर के साथ है। शांति ही मणिपुर की समस्या का समाधान है। केंद्र सरकार पूरी कोशिश में है कि मणिपुर में शांति बहाल हो। हालांकि प्रधानमंत्री इससे पहले लोकसभा के मॉनसून सत्र में मणिपुर का मामूली जिक्र कर चुके हैं।