देश को मिला नया चीफ जस्टिस, राष्ट्रपति ने शपथ दिलाई
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में आज देश के 49वें प्रधान न्यायाधीश के रूप में जस्टिस उदय उमेश ललित को शपथ दिलाई. महाराष्ट्र के एक वकील घराने पैदा हुए ललित का परिवार 100 साल से भी अधिक समय से क़ानून से जुड़ा रहा है.
उदय उमेश ललित दो महीने दो हफ्ते यानी कुल 75 दिन तक सुप्रीम कोर्ट के मुख्य जज के पद पर रहेंगे. इसके बाद देश के 50वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ पद संभालेंगे. जस्टिस चंद्रचूड़ ठीक दो साल यानी 10 नवंबर 2025 तक इस पद पर रहेंगे.
#WATCH | President Droupadi Murmu administers the oath of Office of the Chief Justice of India to Justice Uday Umesh Lalit at Rashtrapati Bhavan pic.twitter.com/HqayMJDwBB
— ANI (@ANI) August 27, 2022
ललित के शपथ ग्रहण समारोह में ललित से पहले प्रधान न्यायाशीध के रूप में सेवाएं देने वाले न्यायमूर्ति एन वी रमण, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कई केंद्रीय मंत्री इस समारोह में मौजूद थे.
जस्टिस यूयू ललित ने न्यायपालिका के प्रमुख के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान तीन क्षेत्रों पर काम करने का इरादा जताया. उन्होंने कहा कि वे यह सुनिश्चित करने के लिए कड़ी मेहनत करेंगे कि सुप्रीम कोर्ट में कम से कम एक संविधान पीठ साल भर काम करे. साथ ही शीर्ष अदालत में सुनवाई के लिए मामलों को सूचीबद्ध किया जाए और जरूरी मामलों को मेंशन भी किया जाए.
बता दें कि अयोध्या केस में कभी कल्याण सिंह का पक्ष रख चुके ललित ने इस केस से खुद को अलग कर लिया था. जस्टिस यू यू ललित ने 10 जनवरी 2019 को खुद को अयोध्या मामले की सुनवाई कर रही 5 जजों की बेंच से यह कह कर अलग कर लिया था कि करीब 20 साल पहले वह अयोध्या विवाद से जुड़े एक आपराधिक मामले में कल्याण सिंह के वकील रह चुके हैं.
ललित को 2014 में वकील से सीधे सुप्रीम कोर्ट का जज बनाया गया. ललित इतिहास में दूसरे ऐसे CJI हैं, जो सीधे वकील से सुप्रीम कोर्ट जज बने थे.