अफ़सरों की ईमानदारी और मेहनत से देश समृद्ध और मजबूत हो सकता है: राष्ट्रपति मुर्मू
भारतीय सांख्यिकी सेवा, इंडियन स्किल डेवलपमेंट सर्विस और केंद्रीय इंजीनियरिंग सेवा के प्रशिक्षु अधिकारियों ने सोमवार को राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति से मुलाकात की। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अधिकारियों से कहा कि, वे मेहनत और ईमानदारी के साथ काम करके एक समृद्ध, मज़बूत और समावेशी राष्ट्र के निर्माण में योगदान दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि, अधिकारी अपनी सच्ची कोशिशों से यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि भारत दुनिया के सामने शक्ति और विकास का एक उदाहरण बने।
भारतीय सांख्यिकी सेवा के अधिकारियों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि प्रभावी नीतियों का निर्माण और उनका क्रियान्वयन सही सांख्यिकीय विश्लेषण पर निर्भर करता है। उन्होंने कहा कि आंकड़ों पर आधारित दुनिया में सांख्यिकी का महत्व और बढ़ गया है। राष्ट्रपति ने सरकारी आंकड़ों के संग्रह और विश्लेषण में सांख्यिकीय अधिकारियों की अहम भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उनके काम में दक्षता बेहद ज़रूरी है, जिससे देश की बढ़ती हुई आंकड़ों और जानकारी की ज़रूरतें पूरी की जा सकें।
इंडियन स्किल डेवलपमेंट सर्विस (आईएसडीएस) के अधिकारियों से उन्होंने कहा कि हुनर और ज्ञान किसी भी देश की आर्थिक प्रगति और सामाजिक विकास के असली आधार हैं। उन्होंने कहा कि जिन देशों के पास कुशल मानव संसाधन है, वे वैश्विक चुनौतियों का बेहतर सामना कर सकते हैं और विकास के नए अवसरों का लाभ उठा सकते हैं। जैसे-जैसे भारत तकनीकी आधारित प्रगति की ओर आगे बढ़ रहा है, यह ज़रूरी है कि हमारे युवा आधुनिक तकनीकी कौशल अपनाएँ। राष्ट्रपति ने भरोसा जताया कि आईएसडीएस के युवा अधिकारी कुशल प्रशासकों के रूप में एक मज़बूत और भविष्य-तैयार कार्यबल तैयार करने में अहम भूमिका निभाएँगे।
केंद्रीय इंजीनियरिंग सेवा के अधिकारियों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि इंजीनियर किसी भी देश की तकनीकी प्रगति और आर्थिक विकास में विशेष योगदान देते हैं। उन्होंने सीपीडब्ल्यूडी जैसे संस्थानों से अपील की कि वे विकास संबंधी पहलों के लिए तकनीकी आधार प्रदान करने में अग्रणी रहें। राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि विकास का टिकाऊ होना भी आवश्यक है।
उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे न केवल नीति के क्रियान्वयन में, बल्कि प्रभावी फीडबैक देकर नीति निर्माण में भी योगदान दें। जनता की सेवा और सबका विकास, ख़ासकर कमजोर और वंचित वर्गों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता ही देश की विकास गति को तय करेगी। राष्ट्रपति ने कहा कि मेहनत और निष्ठा से सेवा कर अधिकारी एक समृद्ध, मजबूत और समावेशी भारत के निर्माण में मददगार हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि “अपनी सच्ची कोशिशों से वे यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि भारत दुनिया के सामने शक्ति और विकास का एक आदर्श बन सके।”

