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जहांगीरपुरी हिंसा में बताया गया PFI का कनेक्शन,दंगे की थी साज़िश

जहांगीरपुरी हिंसा में बताया गया PFI का कनेक्शन,दंगे की थी साज़िश

कहा जा रहा है जहांगीरपुरी में हिंसा कराने के लिए पापुलर फ्रंड आफ इंडिया ने न केवल पैसे मुहैया कराए थे बल्कि साजिश को अंजाम देने के लिए हनुमान जन्मोत्सव से एक दिन पहले यानी 15 अप्रैल को एक अहम बैठक भी की थी।

उत्तर-पूर्वी दिल्ली में दो साल पहले हुए दंगे की तरह ही जहांगीरपुरी में भी हसा की साजिश रची गई थी। क्राइम ब्रांच से जुड़े सूत्रों की मानें तो इसके लिए न सिर्फ पीएफआइ ने फंडिंग की है, बल्कि कई दिन पहले से इसकी साजिश रचना भी शुरू कर दिया था।

यही नहीं हनुमान जन्मोत्सव के एक दिन पहले ही पीएफआइ के सदस्यों ने जहांगीरपुरी में बैठक कर शोभायात्र को बाधित करने और हिंसा को अंजाम देने की रणनीति तैयार की थी। इस बैठक में अंसार, सोनू चिकना और सलीम सहित करीब 25 लोग शामिल हुए थे। हालांकि क्राइम ब्रांच के अधिकारी इस बारे में अभी कुछ भी कहने से बच रहे हैं।

याद रहे कि फरवरी 2020 में नागरिकता संशोधन कानून और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर के विरोध में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगे और शाहीन बाग के प्रदर्शन के मामले में पीएफआइ के शामिल होने का पहली बार पता चला था। क्राइम ब्रांच के सूत्रों की मानें तो इन दंगों में जिस तरह से पीएफआइ के जरिये फंडिंग की गई थी।

ठीक उसी तरह से जहांगीरपुरी हिंसा के लिए फंडिंग किए जाने की जानकारी क्राइम ब्रांच को अब तक की जांच में मिली है। इसके बाद गोपनीय तरीके से क्राइम ब्रांच ने फंडिंग के एंगल से भी जांच शुरू कर दी है।

ख़बरों क अनुसार जांच में 20 से 25 ऐसे लोगों की क्राइम ब्रांच को जानकारी मिली है जो कि सीएए और एनआरसी के प्रदर्शन के साथ ही उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगे के दौरान सक्रिय रहे थे। इन सभी की लोकेशन 15 अप्रैल को जहांगीरपुरी में मिली है। इसके बाद ही क्राइम ब्रांच की जांच इस दिशा में आगे बढ़ी है।

 

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