Site icon ISCPress

किसानो से बातचीत के लिए बनाई गई कमेटी को फ़ैसला लेने का अधिकार नहीं: सुप्रीम कोर्ट

कृषि कानूनों (Farm Laws) की वापसी को लेकर किसान 56 दिन से आंदोलन कर रहे हैं ट्रैक्टर रैली खिलाफ दिल्ली पुलिस की तरफ़ से दाख़िल की गई अर्ज़ी पर भी आज सुनवाई हुई इस दौरान सुप्रीम कोर्ट  की बनाई गई कमिटी पर भी सवाल उठाए गए ।

ऐसे में चीफ जस्टिस शरद अरविंद बोबडे ने सख़्त लहजे में कहा कि अगर किसान कमेटी के सामने नहीं जाना चाहते तो मत जाएँ मगर ऐसे किसी की भी छवि खराब न करें इस तरह से ब्रांडिंग नहीं होनी चाहिए चीफ जस्टिस ने एक बार फिर ये साफ साफ़ कहा कि कमेटी को कोई फैसला लेने का अधिकार नहीं दिया गया है उसे सिर्फ हमने राय देने के लिए बनाया है

आपको बता दें कि एक किसान यूनियन ने कोर्ट में बहस करके कमेटी के सदस्यों के बारे में अपना पक्ष रखने की कोशिश की तो चीफ जस्टिस ने कहा कि किसानों ने कमेटी बनने से पहले ही कमेटी के सामने न जाने का फैसला कर लिया था

चीफ जस्टिस ने कहा कि हमने कमेटी को फैसला करने का अधिकार नहीं दिया है कमेटी को सिर्फ किसानो की परेशानी सुनने और हमें रिपोर्ट देने के लिए बनाया गया है

Exit mobile version