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किसानों की हुंकार के सामने किसी भी सत्ता का अहंकार नहीं चलता: प्रियंका गांधी

किसानों की हुंकार के सामने किसी भी सत्ता का अहंकार नहीं चलता: प्रियंका गांधी

हम सभी के सारे जीवन की दौड़भाग अपने और अपने परिवार के दो समय की रोटी के बंदोबस्त की ख़ातिर है, और सोचिए अगर यह रोटी बड़े बड़े मॉल और सुपर मार्केट में मिलने लगे तो ग़रीब और मज़दूर मॉल और सुपर मार्केट की बाक़ी चीज़ों की तरह बाहर से खड़े हो कर निहार ही सकता है और बस।

किसान आंदोलन के पीछे यही कारण है जिसकी तरफ़ किसान नेता राकेश टिकैत और दूसरे किसान नेताओं ने कई बार मीडिया और दूसरे माध्यम से बताया भी है।

आश्चर्य की बात तो यह है कि कृषि क़ानूनों को आए लगभग नौ महीने होने को आ गए और किसान सड़कों पर बैठे आंदोलन कर रहे हैं और अभी तक मोदी सरकार ने किसानों की कोई बात नहीं सुनी, और न केवल नहीं सुनी बल्कि उनके आंदोलन को ख़त्म करने के लिए लाठीचार्ज तक की जिसमें दर्जनों किसान ज़ख्मी हुए हैं।

आपकी जानकारी के लिए यह बता दें कि किसानों के इस आंदोलन को देश ही नहीं कई विदेशी हस्तियों का समर्थन मिला है, सोशल मीडिया पर भी आम जनता की तरफ़ से आवाज़ उठाई गई, देश की कई राजनीतिक पार्टियों ने भी किसानों का समर्थन किया लेकिन उसके बावजूद मोदी सरकार ने उन काले क़ानूनों को न केवल वापस नहीं लिया बल्कि किसानों से बात करने तक को तैयार नहीं है।

आज किसानों की एक महापंचायत मुज़फ़्फ़रनगर में है जिसके लिए किसान नेताओं ने किसानों और दूसरे लोगों से भी भारी संख्या में एकत्रित होने का निवेदन किया है और लोग पहुंच भी रहे हैं।

इसी मामले को लेकर आज कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर कहा कि किसान देश की आवाज़ हैं, किसान देश का गौरव हैं, किसानों की हुंकार के सामने किसी भी सत्ता का अहंकार नहीं चलता, खेती किसानी को बचाने और अपनी मेहनत का हक़ मांगने की लड़ाई में पूरा देश किसानों के साथ है।

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