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आतंकवादी हमले सरकार की गलत नीतियों का परिणाम हैं: कांग्रेस

आतंकवादी हमले सरकार की गलत नीतियों का परिणाम हैं: कांग्रेस

जम्मू-कश्मीर के डोडा में सोमवार को हुए आतंकवादी हमले में चार जवानों के शहीद होने पर विपक्ष ने मोदी सरकार पर जोरदार हमला करते हुए इसे बीजेपी की गलत नीतियों का परिणाम करार दिया है। कांग्रेस ने पिछले 38 दिनों में 9 बड़े आतंकवादी हमलों की पहचान करते हुए कहा कि इस तरह की घटनाओं से पता चलता है कि जम्मू-कश्मीर की स्थिति खराब है और यहां लोग डर और खौफ के माहौल में जीने को मजबूर हैं। पार्टी ने इस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी पर भी आलोचना करते हुए कहा कि उनकी नाकामी का खामियाजा हमारे जवानों और उनके परिवारों को भुगतना पड़ रहा है।

आतंकवादी हमले खराब स्थिति को दर्शा रहे हैं: राहुल गांधी
लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने भी प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधा। उन्होंने शहीद जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की और शोक संतप्त परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की। राहुल गांधी ने कहा कि एक के बाद एक इस तरह की भयावह घटनाएं अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण और चिंताजनक हैं। ये आतंकवादी हमले जम्मू-कश्मीर की खराब स्थिति को दर्शा रहे हैं। बीजेपी की गलत नीतियों का खामियाजा हमारे सैनिक और उनके परिवार भुगतने को मजबूर हैं।

राहुल गांधी ने आगे कहा, “हर देशभक्त भारतीय की मांग है कि सरकार बार-बार की सुरक्षा चूक की पूरी जिम्मेदारी ले और देश और जवानों के अपराधियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करे। दुःख की इस घड़ी में पूरा देश आतंकवाद के खिलाफ एकजुट है।”

दूसरी ओर, बीजेपी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुब्रमण्यम स्वामी ने भी जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी हमलों पर प्रधानमंत्री पर निशाना साधा। उन्होंने एक्स पर लिखा कि हमारे गृह मंत्री एक सभ्य व्यक्ति हैं। वह कह रहे हैं कि उन्हें कई जवानों के शहीद होने पर धक्का लगा है। लेकिन वह क्या करेंगे? स्वामी ने तंज कसते हुए कहा, “क्या मोदी ने उनसे कहा कि यहां बाहर से कोई आया नहीं और किसी की मौत नहीं हुई।”

पुलिस प्रमुख को हटाया जाए: महबूबा मुफ्ती
जम्मू क्षेत्र में बढ़ते हमलों के बीच पीडीपी अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने जम्मू-कश्मीर के पुलिस प्रमुख को हटाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य की बात यह है कि जम्मू क्षेत्र में जवानों के जान गंवाने पर कोई जवाबदेही नहीं है। इन बातों का इज़हार महबूबा मुफ्ती ने श्रीनगर में एक भरी-पूरी प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान किया। उन्होंने कहा कि पिछले 32 महीनों के दौरान आतंकवादी हमलों में 52 सैनिक जवान शहीद हुए हैं, हालांकि सरकार की तरफ से कोई जवाबदेही नहीं है।

महबूबा मुफ्ती ने कहा कि पिछले रात डोडा में आतंकवादियों की फायरिंग में एक सीनियर ऑफिसर समेत पांच जवान शहीद हुए। महबूबा मुफ्ती ने डीजीपी आरआर स्वैन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि वह “राजनीतिक रूप से चीजों को ठीक करने” में ज्यादा व्यस्त हैं। महबूबा मुफ्ती ने कहा, “वर्तमान पुलिस प्रमुख आरआर स्वैन राजनीतिक रूप से मामलों को ठीक करने में व्यस्त हैं, उनका काम यह रहा है कि पीडीपी के लोगों को कैसे तोड़ा जाए, आम नागरिकों और पत्रकारों को कैसे परेशान किया जाए और लोगों पर यूएपीए के तहत मामले दर्ज करने के तरीके खोजे जाएं।”

महबूबा मुफ्ती का यह बयान उस समय आया जब कल पुलिस प्रमुख ने घुसपैठ के लिए क्षेत्रीय राजनीतिक दलों को दोषी ठहराया था। पूर्व मुख्यमंत्री ने पुलिस प्रमुख को निशाना बनाते हुए कहा कि घुसपैठ को रोकना महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला का काम नहीं बल्कि यह सुरक्षा एजेंसियों का काम है।

जवानों की मौत का बदला लिया जाएगा: मनोज सिन्हा
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने जिला डोडा में सुरक्षा बलों पर हुए हमले की निंदा करते हुए कहा है कि जवानों की मौत का बदला लिया जाएगा और आतंकवादियों और उनके साथियों के नापाक इरादों को नाकाम बनाया जाएगा। उन्होंने शहीद जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके परिवारों के साथ संवेदना व्यक्त की।

रक्षामंत्री राजनाथ ने दुख का इज़हार किया
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने 4 सैनिकों की शहादत पर गहरा दुख और शोक व्यक्त किया है। सिंह ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा, “डोडा में आतंकवाद विरोधी ऑपरेशन के दौरान सेना के चार बहादुर जवानों की मौत से बहुत दुख हुआ है, शोक संतप्त परिवारों के प्रति गहरी संवेदना।” इससे पहले रक्षामंत्री ने आर्मी चीफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी से बात की और आतंकवाद विरोधी ऑपरेशन के बारे में जानकारी प्राप्त की थी।

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