ISCPress

जम्मू कश्मीर के गांदरबल में आतंकी हमला, सात लोगों की मौत

जम्मू कश्मीर के गांदरबल में आतंकी हमला, सात लोगों की मौत

उमर अब्दुल्ला के जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के कुछ दिनों बाद ही केंद्रशासित प्रदेश में हिंसा भड़क उठी है। रविवार रात (20 अक्टूबर) को, आतंकवादियों ने एक इन्फ्रास्ट्रक्चर कंपनी द्वारा स्थापित कैंप पर गोलीबारी की, जो श्रीनगर-सोनमर्ग मार्ग पर गगनगीर के पास ज़ेड-मोड़ सुरंग का निर्माण कर रही है, जिसमें छह प्रवासी श्रमिकों और एक डॉक्टर की मौत हो गई।

जम्मू कश्मीर के गांदरबल में हुए आतंकी हमले पर राहुल गांधी ने कहा है कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में पूरा देश एकजुट है। उन्होंने आतंकियों को जवाब देते हुए कहा कि उनका यह दुस्साहस लोगों का विस्वास कभी नहीं तोड़ पाएगा। उन्होंने इस हमले में जान गंवाने वाले लोगों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त कीं और घायलों की जल्दी ठीक होने की उम्मीद जताई। गांदरबल में हुए आतंकी हमले में सात लोगों की मौत हो गई।

राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा “जम्मू-कश्मीर के गांदरबल में आतंकी हमले में एक डॉक्टर और प्रवासी मजदूरों समेत कई लोगों की हत्या बहुत ही कायरतापूर्ण और अक्षम्य अपराध है। सभी शोकाकुल परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की आशा करता हूं। आतंकियों का यह दुस्साहस जम्मू-कश्मीर में निर्माण का क्रम और लोगों का विश्वास कभी नहीं तोड़ पाएगा। आतंकवाद के खिलाफ इस लड़ाई में पूरा देश एकजुट है।”

मारे गए सात लोगों में से छह प्रवासी श्रमिक थे और एक डॉक्टर था। उनकी पहचान मध्य कश्मीर के बडगाम के डॉ. शाहनवाज के रूप में हुई है; पंजाब के गुरदासपुर से गुरमीत सिंह (30), बिहार से इंदर यादव (35); जम्मू के कठुआ से मोहन लाल (30) और जगतार सिंह (30); कश्मीर से फैयाज अहमद लोन (26) और जहूर अहमद लोन।

पुलिस महानिरीक्षक वीके बिरदी ने कहा कि पीड़ितों को अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उन्होंने दम तोड़ दिया। उन्होंने कहा, “घटना घने जंगल वाले इलाके में हुई, लेकिन सुरक्षा बल तुरंत वहां पहुंच गए और इलाके को घेर लिया।” अधिकारियों ने दोनों आतंकवादियों का नाम हुरेरा और खुबैब बताया, सूत्रों ने बताया कि हुरेरा पाकिस्तान से लौटा था और गांदरबल और हरवान के बीच गतिविधियां चला रहा था।

गगनगीर में आतंकी हमले के तुरंत बाद, आतंकवादी समूह – द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) – ने हमले की जिम्मेदारी ली। टीआरएफ लश्कर-ए-तैयबा की एक शाखा है, और अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने और जम्मू-कश्मीर से विशेष दर्जा रद्द करने के बाद एक ऑनलाइन यूनिट के रूप में अस्तित्व में आई।

केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने भी इस हमले की निंदा की। गडकरी ने कहा कि आतंकवादियों ने गांदरबल जिले के गुंड इलाके में एक सुरंग निर्माण का काम कर रही निजी कंपनी के मजदूरों के शिविरों पर गोलीबारी की। अधिकारियों ने बताया कि दो मजदूरों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि चार अन्य श्रमिक एवं एक डॉक्टर की मौत उपचार दौरान हो गयी। सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में गडकरी ने कहा कि “निर्दोष मजदूर” सोनमर्ग के गगनगीर में एक महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा परियोजना में लगे हुए थे।

Exit mobile version