तेलंगाना सीएम रेवंत रेड्डी ने धार्मिक अपमान और घृणा के खिलाफ कानून बनाने की घोषणा की
मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने अल्पसंख्यकों के अधिकारों और कल्याण के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता दोहराते हुए कहा कि, अल्पसंख्यकों का कल्याण कोई रहम और कृपा नहीं, बल्कि उनका संवैधानिक अधिकार है। राज्य सरकार मुस्लिम और ईसाई समुदायों से जुड़े पुराने मुद्दों को प्राथमिकता के आधार पर हल करेगी।
एलबी स्टेडियम में आयोजित क्रिसमस समारोह में अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने कहा कि मानव सेवा सबसे बड़ी पूजा है और समाज में प्रेम, शांति और भाईचारे को बढ़ावा देना समय की आवश्यकता है। रेवंत रेड्डी ने यीशु मसीह के संदेश का हवाला देते हुए कहा कि घृणा के मुकाबले प्रेम और हिंसा के मुकाबले शांति ही एक मजबूत समाज की नींव बनती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दिसंबर का महीना तेलंगाना के लिए खुशियों का प्रतीक रहा है और जनता की सरकार कल्याणकारी योजनाओं पर विशेष ध्यान दे रही है। उन्होंने कहा कि सरकार हर तरह की बाधाओं और नकारात्मक प्रचार के बावजूद राज्य में शांति और कानून-व्यवस्था बनाए रखते हुए कल्याणकारी योजनाओं को लागू कर रही है।
मुख्यमंत्री ने अल्पसंख्यकों सहित सभी कमजोर वर्गों के लिए शुरू की गई योजनाओं का उल्लेख करते हुए बताया कि, गरीबों के लिए इंदिरा माँ मकान, महिलाओं को आरटीसी बसों में मुफ्त यात्रा, 50 लाख परिवारों को 200 यूनिट तक मुफ्त बिजली, फूड सिक्योरिटी एक्ट के तहत राशन की आपूर्ति, किसानों के ऋण माफ़ी और कृषि बोनस जैसी स्कीम, सरकार की गंभीर सोच का प्रमाण हैं।
उन्होंने घोषणा की कि तेलंगाना राइजिंग 2047 विज़न दस्तावेज़ के अनुसार राज्य को सर्वांगीण विकास की दिशा में अग्रसर किया जाएगा। सरकार का लक्ष्य तेलंगाना को विकास और कल्याण के मामले में देश का अग्रणी राज्य बनाना है, जहाँ सभी धर्मों और वर्गों को समान सम्मान, सुरक्षा और अवसर प्राप्त हों।
मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने धार्मिक नफरत फैलाने और अन्य धर्मों का अपमान करने वालों के खिलाफ कार्रवाई का चेतावनी दी और कहा कि कर्नाटक की तर्ज पर तेलंगाना विधानसभा बजट सत्र में नफरत फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कानून बनाया जाएगा ताकि गंगा-जमुनी तहज़ीब, अंतरधार्मिक समन्वय और अल्पसंख्यकों के अधिकारों का पूर्ण संरक्षण सुनिश्चित किया जा सके। मुख्यमंत्री ने मुस्लिम और क्रिश्चियन कब्रिस्तानों से जुड़े मुद्दों को भी बहुत जल्द हल करने का वादा किया।

