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तेजस्वी यादव का आरोप, सम्राट चौधरी एक तस्वीर में पेपर लीक के आरोपी के साथ नज़र आ रहे हैं, इस पर कोई बयान क्यों नहीं आ रहा है?

तेजस्वी यादव का आरोप, सम्राट चौधरी एक तस्वीर में पेपर लीक के आरोपी के साथ नज़र आ रहे हैं, इस पर कोई बयान क्यों नहीं आ रहा है?

बिहार की राजनीति में पेपर लीक मामले ने तूल पकड़ लिया है। इस विवाद में नया मोड़ तब आया जब बिहार विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष, तेजस्वी यादव, ने बीजेपी नेता सम्राट चौधरी की एक तस्वीर पर सवाल उठाए। यह तस्वीर कथित रूप से पेपर लीक मामले के एक आरोपी के साथ है।

तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया और प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए इस मुद्दे को उठाया है। उन्होंने कहा, “पेपर लीक मामले में सम्राट चौधरी की एक तस्वीर सामने आई है जिसमें वह एक आरोपी के साथ नज़र आ रहे हैं। इस पर कोई बयान क्यों नहीं आ रहा है? यह चुप्पी आखिर किस बात की तरफ इशारा कर रही है?” तेजस्वी ने इस मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है और कहा है कि दोषियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाना चाहिए।

तेजस्वी यादव ने कहा कि पेपर लीक का मास्टरमाइंड अमित आनंद है उस पर कार्रवाई करनी चाहिए।’ आरजेडी ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल से एक तस्वीर जारी कर कहा है, ‘नीट परीक्षा पेपर लीक घोटाले का मुख्य आरोपी बिहार के उपमुख्यमंत्री के साथ। आरोपी के हाथों सम्मानित होने वाले तथाकथित ताकतवर मंत्री ने अपने सोशल मीडिया हैंडल से उसके साथ अपनी सारी तस्वीरें डिलीट कर दीं लेकिन चिंता की कोई बात नहीं हमारे पास सभी हैं। आपके व्याकुल समकक्ष दूसरे उपमुख्यमंत्री को यह भेज दीजिए।’

हालांकि, सम्राट चौधरी ने इन आरोपों को बेबुनियाद बताया है। उन्होंने कहा, “मुझ पर लगाए गए सभी आरोप झूठे और राजनीति से प्रेरित हैं। मेरी तस्वीर को गलत संदर्भ में पेश किया जा रहा है। मैं इस मामले में किसी भी जांच के लिए तैयार हूं और सच्चाई सामने आने पर सभी आरोप निराधार साबित होंगे।”

इस मुद्दे पर बिहार की राजनीति में भूचाल आ गया है। कई विपक्षी दलों ने तेजस्वी यादव के बयान का समर्थन किया है और सम्राट चौधरी से जवाबदेही की मांग की है। वहीं, बीजेपी और जेडीयू के नेताओं ने इसे विपक्ष की साजिश बताया है और कहा है कि तेजस्वी यादव राजनीतिक लाभ के लिए इस मुद्दे को उछाल रहे हैं। पेपर लीक मामला पहले से ही बिहार की शिक्षा व्यवस्था पर सवालिया निशान लगा चुका है, और अब इस विवाद ने इसे और जटिल बना दिया है। जनता भी इस मुद्दे पर विभाजित है और सच जानने की प्रतीक्षा कर रही है।

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