तहव्वुर राणा का कबूलनामा, मैं पाकिस्तानी सेना का सबसे भरोसेमंद एजेंट था
26/11 मुंबई आतंकी हमले के मुख्य साजिशकर्ता तहव्वुर हुसैन राणा ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की हिरासत में मुंबई पुलिस क्राइम ब्रांच की पूछताछ में सनसनीखेज खुलासे किए हैं। राणा पाकिस्तानी मूल का कनाडाई नागरिक है। उसको अप्रैल 2025 में अमेरिका से भारत प्रत्यर्पित किया गया था। उसने दावा किया कि, वह पाकिस्तानी सेना का भरोसेमंद एजेंट था और खाड़ी युद्ध के दौरान सऊदी अरब में तैनात किया गया था। उसने इस बात को भी कबूल कर लिया है कि वह मुंबई में हुए आतंकी हमले की साजिश में शामिल था।
तहव्वुर अभी एनआईए की कस्टडी में है और दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है। मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच उससे पूछताछ कर रही है। राणा ने यह भी खुलासा किया कि उसके सहयोगी डेविड कोलमैन हेडली ने लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के साथ कई आतंकी प्रशिक्षण सत्रों में हिस्सा लिया था, जो मुख्य रूप से एक जासूसी नेटवर्क के रूप में काम करता था।
ताजा जानकारी के मुताबिक तहव्वुर ने
मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच की पूछताछ के दौरान 2008 में हुए मुंबई अटैक, पाकिस्तान और आईएसआई को लेकर कई बड़े खुलासे किए। तहव्वुर ने पूछताछ के दौरान बताया कि मुंबई में हुआ आतंकी हमला पूरे प्लान के साथ हुआ था। वह अटैक से पहले कई जगहों पर घमा था। इनमें छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस शामिल है। राणा का कहना है कि 26/11 हमला पाकिस्तान की आईएमआई की निगरानी में हुआ था। पाक आर्मी ने उसे कई जगहों पर भेजा था। वह भारत के साथ-साथ सऊदी अरब में भी रह चुका है।
NIA के सूत्रों के मुताबिक राणा ने लश्कर-ए-तैयबा और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के बीच गहरे सांठगांठ की बात उजागर की है। एनआईए ने राणा को 18 दिन की हिरासत में लेकर गहन पूछताछ शुरू की है, जिसमें उसके और हेडली के बीच ईमेल, यात्रा रिकॉर्ड और अन्य सबूतों का विश्लेषण किया जा रहा है। राणा पर आपराधिक साजिश, हत्या, आतंकवादी कृत्य और जालसाजी जैसे गंभीर आरोप हैं।