निलंबित टीएमसी विधायक का हमला: आरएसएस का काम कर रही हैं ममता
पश्चिम बंगाल की राजनीति में मुर्शिदाबाद की भरतपुर सीट से विधायक हुमायूं कबीर के बयान ने सियासी उठापटक बढ़ा दी है। हुमायूं कबीर ने हाल ही में ऐलान किया था कि वे मुर्शिदाबाद में बाबरी मस्जिद का निर्माण करवाएंगे, चाहे इसके लिए उन्हें तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) से इस्तीफा ही क्यों न देना पड़े। इस बयान के बाद भाजपा ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और टीएमसी पर हमला बोला और उन्हें निशाने पर लिया।
टीएमसी ने हुमायूं कबीर के बयान को पार्टी का मानक नहीं माना और इसे निजी राय बताया। इसके चलते पार्टी ने उन्हें तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया। हुमायूं कबीर ने मीडिया के सामने आते ही सीएम ममता बनर्जी पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि वे आरएसएस के काम में लगी हुई हैं। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि उन्होंने 12-13 साल पार्टी में सेवा की, कई पदों पर काम किया, इसके बावजूद उन पर कार्रवाई क्यों हुई।
सस्पेंड होने के बाद हुमायूं कबीर ने इमामों के भत्ते के मुद्दे को भी उठाया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री दुर्गा पूजा और जगन्नाथ मंदिर के लिए जनता से चंदा लेती हैं, जबकि मुस्लिम इमामों को केवल 3 हजार रुपये भत्ता मिलता है, जो सालाना मिलाकर केवल 54 हजार रुपये होता है। इसके मुकाबले दुर्गा पूजा समितियों को हर साल 1 लाख 10 हजार रुपये दिए जाते हैं। उन्होंने इसे असमानता बताते हुए कहा कि यह आरएसएस के एजेंडे का हिस्सा है।
इस विवाद के बाद पश्चिम बंगाल में सियासत गर्म हो गई है। भाजपा और विपक्षी दल टीएमसी की आलोचना कर रहे हैं और हुमायूं कबीर के बयान को मुद्दा बना रहे हैं। वहीं टीएमसी का कहना है कि यह विधायक का निजी मत है और पार्टी इससे अलग है। हुमायूं कबीर ने स्पष्ट किया कि वे बाबरी मस्जिद के निर्माण के लिए पीछे नहीं हटेंगे, भले ही इसके लिए पार्टी से उनका नाता ही टूट जाए। इस पूरे घटनाक्रम ने पश्चिम बंगाल की राजनीतिक बहस को एक नई दिशा दे दी है, जहां धर्म, राजनीति और पार्टी अनुशासन पर सवाल उठ रहे हैं।

