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एनसीपी के कांग्रेस में विलय की चर्चा को सुप्रिया सुले ने किया ख़ारिज

एनसीपी के कांग्रेस में विलय की चर्चा को सुप्रिया सुले ने किया ख़ारिज

महाराष्ट्र की राजनीति में एक बड़ा घटनाक्रम होने की संभावना है। सियासी गलियारों में शरद पवार गुट की एनसीपी के कांग्रेस में विलय की चर्चा जोरों पर है. सूत्रों के अनुसार, दावा किया जा रहा है कि शरद पवार ने अपने विधायकों और सांसदों की पुणे में तत्काल बैठक बुलाई है। इस बैठक में बड़ा निर्णय लेने की संभावना बताई जा रही है. अभी तक कांग्रेस या शरद पवार के गुट की ओर से इसकी पुष्टि नहीं की गई है।

हालांकि, एनसीपी शरद गुट की कर्ता-धर्ता और शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले ने इस तरह की अटकलों को खारिज किया है। सुप्रिया सुले ने कहा कि “मैं अपने संसदीय क्षेत्र में हूं, कोई क्या चला रहा है, इसकी मैं जिम्मेदार नहीं हूं। जो भी ये खबर चला रहे हैं, गलत चला रहे हैं। बता दें कि 25 साल पहले शरद पवार ने कांग्रेस से अलग होने के बाद साल 1999 में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) की स्थापना की थी।

राष्ट्रवादी कांग्रेस (NCP) का नाम और चुनाव चिन्ह गंवाने के बाद शरद पवार द्वारा बड़ा निर्णय लेने की बात सामने आ रही है। बताया जा रहा है कि बीजेपी को राजनीतिक चेकमेट करने के लिए यह फैसला लिया जा सकता है। कल (13 फरवरी) ही कांग्रेस के प्रभारी रमेश चेन्नीथल ने शरद पवार से मुलाकात की थी। इससे पहले कांग्रेस हाईकमान और बड़े नेताओं की बैठक भी बुलाई गई थी।

सूत्रों के हवाले से ये जानकारी आई है कि एनसीपी शरद गुट का विलय राज्यसभा चुनाव के बाद होगा। दरअसल, अजित पवार ने एनसीपी में बगावत करने के बाद पूरी पार्टी पर ही कब्जा कर लिया है। यहां तक कि चुनाव चिन्ह भी उन्हें ही मिल गया है। ऐसे में शरद पवार एक तरह से खाली हाथ रह गए हैं। जिसके बाद से कांग्रेस में शरद गुट के विलय को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है।

अगर शरद पवार गुट का विलय कांग्रेस में होता है तो लोकसभा चुनाव से पहले यह कांग्रेस पार्टी के लिए बड़ी राहत की बात होगी, क्योंकि हाल के समय में पार्टी को तीन बड़े झटके लग चुके हैं। हाल ही में महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण, पूर्व मंत्री बाबा जियाउद्दीन सिद्दीकी और पूर्व केंद्रीय मंत्री मिलिंद देवड़ा कांग्रेस का साथ छोड़ चुके हैं। अशोक चव्हाण बीजेपी में शामिल हुए हैं, जबकि बाबा सिद्दीकी ने एनसीपी (अजीप पवार गुट) और मिलिंद देवड़ा ने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना का दामन थाम लिया है।

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