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शरद पवार के नाम और तस्वीरों के इस्तेमाल पर अजित पवार खेमे को सुप्रीम फटकार 

शरद पवार के नाम और तस्वीरों के इस्तेमाल पर अजित पवार खेमे को सुप्रीम फटकार 

सुप्रीम कोर्ट ने राकांपा के अजित पवार खेमे द्वारा राकांपा के संस्थापक वरिष्ठ नेता शरद पवार के नाम और तस्वीर का इस्तेमाल करने को लेकर जमकर फटकार लगाई। शीर्ष अदालत ने अजित खेमे से पूछा कि जब चुनाव आयोग ने आधिकारिक तौर पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के रूप में मान्यता दी है तो वे प्रचार सामग्री में पूर्व राकांपा सुप्रीमो शरद पवार की तस्वीरों का इस्तेमाल क्यों कर रहे हैं।

शरद पवार खेमे की तरफ से अजित पवार खेमे पर आरोप लगाया था कि पार्टी में विभाजन के बाद भी राजनीतिक लाभ पाने के लिए अजित खेमा शरद पवार के नाम और तस्वीर का इस्तेमाल कर रहा है।

शरद पवार गुट ने चुनाव आयोग के अजीबोगरीब फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे दी। सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री के नेतृत्व वाले समूह को असली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के रूप में मान्यता देने के चुनाव आयोग के 6 फरवरी के आदेश के खिलाफ शरद पवार की याचिका पर अजीत पवार के नेतृत्व वाले गुट से जवाब मांगा था।

यह पहला मौका नहीं था, जब चुनाव आयोग ने ऐसा फैसला दिया था। इससे पहले चुनाव आयोग ने शिवसेना के टूटने पर एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट को असली शिवसेना का नाम और चुनाव चिह्न दे दिया था। यह मामला भी सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है। शिवसेना की स्थापना उद्धव ठाकरे के पिता बाला साहेब ठाकरे ने की थी। बाद में शिंदे ने बगावत कर अलग गुट बना लिया। शिंदे ने भाजपा से समझौता किया और महाराष्ट्र में सरकार बना ली।

सुप्रीम कोर्ट की फटकार और निर्देश के बाद राकांपा (अजित गुट) के कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल पटेल ने यहां मीडिया को बताया कि उनके द्वारा एक सर्कुलर जारी किया गया है, जिसमें सभी पार्टी कार्यकर्ता, नेताओं और कार्यालय को प्रचार सामग्री में शरद पवार की तस्वीर और नाम इस्तेमाल नहीं करने को कहा गया है। उन्होंने कहा कि हो सकता है कि कोई पुराना बैनर या पोस्टर हो जिसका उपयोग किया गया हो।

कोर्ट ने आज हमसे यह सूचित करने के लिए एक हलफनामा पेश करने के लिए कहा है कि हम अब से शरद पवार के नाम या तस्वीर का उपयोग नहीं करेंगे।

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