सुप्रीम कोर्ट ने आंध्र सरकार को लगाई फटकार, नोटिस भेज मांगा जवाब
तेलुगुदेशम के पूर्व विधायक पल्ला श्री निवास राव ने कोर्ट में अर्जी दायर कर आरोप लगाया था कि आंध्र सरकार राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष से कोविड मुआवजे के लिए धन को राज्य सरकार के अन्य जमा खातों में भेज रही है ताकि चुनाव घोषणापत्र के वादे के अनुसार मुफ्त योजनाओ का भुगतान हो सके।
कोविड से हुई मौत पर 50 हजार के मुआवजे के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आंध्र प्रदेश सरकार को फटकार लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष में कोविड मुआवजे के धन को राज्य सरकार के खातों में डायवर्ट करने पर आपत्ति जताई है। इसके साथ ही कोर्ट ने राज्य सरकार के फंड डायवर्ट करने से रोक लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में आंध्र प्रदेश सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस बीवी नागरत्ना की बेंच ने राज्य को यह भी निर्देश दिया है कि यदि आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के तहत प्रदान किए गए किसी अन्य उद्देश्य से अलग फंड डायवर्ट किया गया है तो उसका उपयोग न किया जाए।
उल्लेखनीय है कि तेलुगुदेशम के पूर्व विधायक पल्ला श्री निवास राव ने अर्जी दायर कर आरोप लगाया था कि आंध्र सरकार राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष से कोविड मुआवजे के लिए धन को राज्य सरकार के अन्य जमा खातों में भेज रही है ताकि चुनाव में किये गए वादों और घोषणा पत्र में किए गए मुफ्त उपहार के वादों का भुगतान कर सकें ।
याचिकाकर्ता की ओर से वकील गौरव बंसल ने दलील दी और कहा कि डायवर्जन आपदा प्रबंधन अधिनियम का उल्लंघन है। उन्होंने पीठ को यह भी बताया कि केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने भी राज्य सरकार पर सवाल उठाया है और उसे सुधारात्मक उपाय करने का निर्देश दिया है। यह मामला तब सामने आया था जब सुप्रीम कोर्ट कोविड से हुई मौत के लिए 50,000 रुपये के कोविड मुआवजे के मुद्दे पर एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था।