सुप्रीम कोर्ट ने अफजाल अंसारी की संसद सदस्यता बहाल की
मुख्तार अंसारी के बड़े भाई अफजाल अंसारी को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने गैंगस्टर मामले में 4 साल की सजा और उनकी दोष सिद्धि पर अंतरिम रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट को 30 जून 2024 तक अफजाल अंसारी की याचिका पर सुनवाई पूरी करके फैसला देने का आदेश दिया गया है। अफजाल ने गाजीपुर कोर्ट से मिली सजा के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील दायर कर रखी है।
बता दें कि, अफजाल अंसारी को 29 अप्रैल को मिली सजा के बाद सदस्यता के लिए अयोग्य करार दिया गया था और 1 मई को उनकी सदस्यता चली गई। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट से कहा कि 30 जून 2024 तक अफजाल अंसारी की अपील का निपटारा करे। सदस्यता बहाली के बाद अफजाल अंसारी के लिए अगले साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव लड़ने का रास्ता भी साफ हो गया है। वो 5 बार विधायक और 2 बार सांसद रह चुके हैं।
इस मामले में जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्ज्वल भुइयां ने अफजाल अंसारी की सजा पर रोक लगाने का फैसला किया जबकि जस्टिस दीपांकर दत्ता इसके पक्ष में नहीं थे। इस तरह से जजों के 2-1 के बहुमत से अफजाल अंसारी को राहत मिल गई। हालांकि कोर्ट ने उनके सामने कुछ शर्तें भी रखी हैं और वो लोकसभा में वोटिंग नहीं कर पाएंगे लेकिन सदन की कार्यवाही में हिस्सा जरूर ले सकते हैं।
अफजाल अंसारी के वकील की दलील
सुनवाई के दौरान अफज़ाल अंसारी की ओर से वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी और यूपी सरकार की ओर से ASG के एम नटराज पेश हुए। अभिषेक मनु सिंघवी ने दलील दी कि अगर अफज़ाल अंसारी के दोष सिद्धि के फैसले को निलंबित नहीं किया जाता, तो गाजीपुर सीट बिना प्रतिनिधित्व के रह जाएगी। ये वोटर के अधिकारों का हनन होगा।
मेंबर ऑफ पार्लियामेंट लोकल एरिया डेवलोपमेन्ट फंड से चलने वाली कई योजनाएं प्रभावित होगी। अफजाल असांरी संसद की कई स्टैंडिंग कमेटी के सदस्य है,जहाँ पर वो अपना योगदान नहीं दे पा रहे है। सिंघवी ने दलील दी कि अफजाल अंसारी पांच बार सांसद और दो बार MLA रह चुका है। वो ट्रायल छोड़कर कहीं भागने वाले नहीं है।