कोविशील्ड के साइड-इफेक्ट वाली याचिका पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट तैयार
नई दिल्ली: कोविशील्ड का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। कोविशील्ड वैक्सीन को लेकर विशाल तिवारी नाम के एक शख्स ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की थी। विशाल तिवारी पेशे से वकील है। उन्होंने अपनी इस याचिका में एक्स डायरेक्टर की अध्यक्षता में कोविशील्ड वैक्सीन के दुष्प्रभाव और जोखिम की जांच के लिए चिकित्सा विशेषज्ञ पैनल का गठन करने की मांग की है। साथ ही कहा गया है कि ये सब सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की निगरानी में किया जाना चाहिए।
कोविशील्ड के गंभीर दुष्परिणाम किस तरह हैं, क्या इससे प्रभावितों को मुआवजा दिया जाएगा और क्या इसकी जाँच के लिए कमेटी बैठेगी? इसकी मांग वाली याचिका पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट तैयार हो गया है। एस्ट्राज़ेनेका की वैक्सीन के फॉर्मूले में गंभीर दुष्प्रभाव की बात ब्रिटेन में कबूली गई है। इसके बाद भारत में कोविशील्ड वैक्सीन को लेकर गंभीर चिंताएँ उठने लगीं। इसी को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई।
इस याचिका का सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लिया। हालाँकि, सुनवाई की तारीख तय नहीं की गई है, लेकिन मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने इस मुद्दे को स्वीकार किया। इसमें साइड-इफेक्ट की जांच के लिए एक विशेषज्ञ पैनल की मांग और सरकार से उन लोगों के परिवारों को मुआवजा देने की मांग की गई है, जिनकी वैक्सीन लेने के बाद मृत्यु हो गई हो। हालांकि, अदालत ने याचिका पर तुरंत सुनवाई से इनकार कर दिया है।
आपको बता दें कि कुछ दिन पहले ही कोविड-19 रोधी वैक्सीन ‘कोविशील्ड’ (Covishield) बनाने वाली कंपनी एस्ट्राजेनेका (AstraZeneca) ने स्वीकार किया था कि जिन लोगों ने कोरोना के दौरान कोविशील्ड वैक्सीन ली है उनमें रेयर साइड इफेक्ट हो सकते हैं।
द टेलीग्राफ (यूके) की रिपोर्ट के मुताबिक, ब्रिटिश फार्मा दिग्गज एस्ट्राजेनेका ने स्वीकार किया था कि उसकी कोविड वैक्सीन के रेयर साइड इफेक्ट हो सकते हैं। वैक्सीन निर्माता ने अदालती दस्तावेज़ों में कहा था कि कोविशील्ड, दुर्लभ मामलों में एक ऐसी स्थिति का कारण बन सकती है, जिससे खून के थक्के जम सकते हैं और प्लेटलेट की संख्या कम हो सकती है।