शेयर बाजार लहूलुहान, निवेशकों को 15.5 लाख करोड़ का नुकसान
शेयर बाजार: अमेरिका में मंदी और वैश्विक बाजार में उथल-पुथल के डर के कारण सोमवार को दलाल स्ट्रीट पर अफरातफरी थी। एक झटके में निवेशकों को स्टॉक मार्केट में लगभग 15.5 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों 2.5% से अधिक गिरावट के साथ बंद हुए। स्मॉल कैप और मिड कैप स्टॉक्स में भी तेजी से बिकवाली देखी गई। बीएसई मिडकैप इंडेक्स 3.6% और स्मॉल कैप इंडेक्स 4.21% गिरकर बंद हुआ।
बीएसई के सभी सेक्टोरल इंडेक्स भी लाल निशान में बंद हुए। धातु, रियल्टी, कैपिटल गुड्स और यूटिलिटी शेयरों के इंडेक्स 4% से अधिक डूब गए। सोमवार को कारोबार के अंत में बीएसई सेंसेक्स 2222.55 अंक या 2.74% गिरकर 78759.40 पर बंद हुआ। वहीं एनएसई का 50 शेयरों वाला इंडेक्स निफ्टी 667.75 अंक या 2.70% की कमी के साथ 24055.60 अंकों पर बंद हुआ।
बीएसई पर सूचीबद्ध कंपनियों की कुल मार्केट कैपिटलाइजेशन सोमवार को घटकर 441.66 लाख करोड़ रुपये हो गई, जो पिछले कारोबारी दिन शुक्रवार, 2 अगस्त को 457.16 लाख करोड़ रुपये थी। इस प्रकार बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों की मार्केट कैप में सोमवार को लगभग 15.5 लाख करोड़ रुपये की कमी आई है। दूसरे शब्दों में, निवेशकों की संपत्ति में लगभग 15.5 लाख करोड़ रुपये की कमी आई है।
गिरावट इतनी तेज थी कि सोमवार को सेंसेक्स के 30 में से केवल 2 स्टॉक्स ही बढ़त के साथ बंद हुए। इनमें हिंदुस्तान यूनिलीवर का स्टॉक 0.97% बढ़त के साथ बंद हुआ और नेस्ले इंडिया का स्टॉक 0.75% बढ़त के साथ बंद हुआ। सेंसेक्स के बाकी 28 स्टॉक्स सोमवार को नुकसान के साथ बंद हुए। इनमें टाटा मोटर्स के शेयर 7.38% की गिरावट के साथ शीर्ष पर रहे। इसके अलावा अदानी पोर्ट्स, टाटा स्टील, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) और पावर ग्रिड के शेयर 4.19% से 5.83% गिरकर लाल निशान में बंद हुए।
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) सोमवार को स्टॉक्स की संख्या में वृद्धि के मुकाबले गिरावट के साथ बंद हुआ। एक्सचेंज में कुल 4189 कंपनियों के स्टॉक्स का कारोबार हुआ। इनमें से 671 की कीमत में वृद्धि हुई। 3407 स्टॉक्स की कीमत में गिरावट देखी गई जबकि 111 शेयर बिना किसी उतार-चढ़ाव के स्थिर रहे। सोमवार को कारोबार के दौरान 64 स्टॉक्स ने अपने नए 52 सप्ताह की न्यूनतम स्तर को छू लिया।
जापानी बाजार में भी गिरावट
दुनिया की सबसे ताकतवर अमेरिकी अर्थव्यवस्था के फिर से मंदी के डर से जापान के निक्केई समेत वैश्विक बाजार में लगभग 12.5% की कमी आई, जिसकी वजह से स्थानीय स्तर पर सोमवार को डरे हुए निवेशकों की ओर से भारी बिकवाली के कारण स्टॉक मार्केट गिर गया। अमेरिका में जुलाई में रोजगार के अवसर पैदा करने में सुस्ती और बेरोजगारी की दर में 4.3% तक तेजी से वृद्धि के बाद दुनिया की सबसे ताकतवर अर्थव्यवस्था के फिर से मंदी में जाने के खतरे के कारण विदेशी बाजारों में डर फैल गया।
विशेष रूप से जापान के निक्केई को 1987 में ‘ब्लैक मंडे’ के बाद सबसे बड़ी गिरावट का सामना करना पड़ा। निक्केई सोमवार को 12.40% गिर गया। इसके अलावा ब्रिटेन का एफटीएसई 2.26%, जर्मनी का डैक्स 2.74%, दक्षिण कोरिया का कास्पी 8.77%, हांगकांग का हैंग सेंग 1.46% और चीन का शंघाई कंपोजिट 1.54% गिर गया।
निवेशकों को नुकसान कैसे हुआ?
बीएसई पर सूचीबद्ध कंपनियों की कुल मार्केट कैपिटलाइजेशन सोमवार को घटकर 441.66 लाख करोड़ रुपये हो गई, जो पिछले कारोबारी दिन शुक्रवार, 2 अगस्त को 457.16 लाख करोड़ रुपये थी। इस प्रकार बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों की मार्केट कैप में सोमवार को लगभग 15.5 लाख करोड़ रुपये की कमी आई है।